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यूहन्ना रचित सुसमाचार – ज्योती अंध्कार में चमकती है।
पवित्र शास्त्र में लिखे हुए यूहन्ना के सुसमाचार पर आधारित पाठ्यक्रम
पहला भाग – दिव्य ज्योति चमकती है (यूहन्ना 1:1 - 4:54)
अ - प्रभु के वचन का यीशु में अवतारित होना (यूहन्ना 1:1-18)

3. मसीह के अवतारन में परमेश्वर की परिपूर्णता | (यूहन्ना 1:14-18)


यूहन्ना 1:15–16
“15 यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही दी , और पुकार कर कहा, कि यह वही है, जिसका मैं ने वर्णन किया, कि जो मेरे बाद आ रहा है वह मुझ से बढ़ कर है क्योंकी वह मुझ से पहले था | 16 क्योंकि उसकी परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह |”

बपतिस्मा देने वाले (यूहन्ना) ने दुनियावी वंशावली को पीछे छोड़ते हुए ऊँचे स्वर में घोषित किया कि मसीह जो उनके बाद आये, उनके पहले ही से मौजूद थे | इस घोषणा के द्वारा बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना ने मसीह के अनन्त जीवन का दावा किया |उन्हों ने इस सच्चाई की गवाही दी की आप अंतरिक्ष, समय और विनाश से ऊपर हैं और अनन्त और विकारहीन परमेश्वर हैं |

बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना जंगल में लोगों के पापों की गंभीरता को देख कर दुखी हो गये | उन्हों ने लोगों को पापों की क्षमा के लिये पश्चताप करने की शिक्षा दी लेकिन यीशु को देख कर उनका दिल खुशी से फूला न समाया क्योंकी मसीह अनन्त मनुष्य के तौर पर पैदा हुए थे और सच्चाई से परीपूर्ण थे ताकी मृत्यु आप पर जयवन्त न हो सके |

परमेश्वर के अनन्त जीवन का मनुष्य के शरीर में प्रगट होना मसीह के अवतरण और जन्म की खुशी का मूल कारण है | इस के साथ जीवन की मृत्यु पर विजय का प्रारंभ हुआ क्योंकी आप में पाप जो मृत्यु का कारण होता है, हटा दिया गया |

इस अनुग्रह की गहराई को महसूस करते हुए बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना ने मसीह में उपस्थित परमेश्वर की परिपूर्णता पर आनंद प्रगट करते हुए परमेश्वर की स्तुती की | प्रेरित पौलुस ने भी स्वीकार किया: “क्योंकी उसमें ईश्वरत्व की सारी परिपूर्णता सदेह वास करती है और तुम उसी में भरपूर हो गये हो |” यूहन्ना ने इन सच्चाईयों का संक्षेप इन महान शब्दों में किया: “क्योंकी उसकी परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह |”

मसीह की यह परिपूर्णता क्या है और हम ने इससे क्या प्राप्त किया है? अगर आप को यूहन्ना ने पिछली 14 पदों में मसीह के व्यक्तित्व के बारे में की हुई टिप्पणी याद हो तो आप मसीह के व्यक्तित्व की महानता को जान जायेंगे और महसूस करेंगे की आप के अनुग्रह का सागर हर दिन हम तक कैसे पहुंचता है |

मसीह परमेश्वर का वचन है जो पिता से निकलता है जैसे शब्द मनुष्य के मुंह से निकलते हैं | आप परमेश्वर का अंतरतम दिल और उसकी इच्छा, सार और खुशी हैं |जिस तरह सुसमाचार का वचन हम तक पहुँच कर हमारे दिल और दिमाग में प्रवेश करके हमारे विचार बदलता है उसी तरह मसीह भी हमारे दिल में प्रवेश करके अपनी उत्कृष्टता के अनुसार हम में बदलाओ लाते हैं | क्या यह शानदार अनुग्रह नहीं है ?

मसीह परमेश्वर का जीवन हैं : वैज्ञानिक घर, पुल बड़े बम पैदा कर सकते हैं, लेकिन जीवन कोई उत्पन्न नहीं कर सकता | मां बाप को यह जिम्मेदारी सौंप दी गई है कि वो परमेश्वर के उन्हें दिए हुए जीवन को अपनी सन्तान में अंतरित कर दें |क्या यह अनग्रह नहीं है ? और जब की दुनयावी जिंदगी खतम हो जाती है, मसीह जो खुद अनन्त जीवन हैं, विश्वासियों को अपना आत्मा प्रदान करते हैं | सभी मसीही परमेश्वर की जिंदगी में सहभागी हैं और वह कभी नहीं मरेंगे | क्या यह अनुग्रह नहीं है?

मसीह दुनिया कि ज्योती हैं | वो अन्धकार पर विजय पाते हैं और घोर अन्धकार रात को ज्योती में बदल देते हैं | वो निराश दुनिया को आशा प्रदान करते हैं | कमजोरी में कराहती हुई दुनिया को शक्ती प्रदान करते हैं | मसीह की ज्योती अपने प्रकाश से हमारी दुनिया के अन्धकार को प्रकाश में बदल सकती है | अगर लोग आप पर विश्वास करें तो आप राजनीती और कारखानों, परिवारों और कलीसियाओं को सच्चाई और ईमानदारी प्रदान करते हैं | क्या यह अनुग्रह पर अनुग्रह नहीं है ?

यीशु सृष्टी के निर्माता हैं | आप में परमेश्वर की शक्ती परीपूर्ण है | आपके आशचर्य कर्म ऐसे थे जो आपके अधिकार की तरफ इशारा करते थे | आप का मुर्दों में से जी उठना यह सिद्ध कर चुका है कि आपके जीवन की शक्ती मृत्यु पर विजय पा चुकी है | आप ने पानी पर चल कर यह सिद्ध कर दिया की जमीन के आकर्शन का आपके शरीर पर कोई अधिकार नहीं है | आपने थोड़ी रोटियों को तोड़ कर पाँच हज़ार लोगों को उनके संतुष्ट होने तक खिलाया | आप यह भी जानते हैं कि तुम्हारे सर पर कितने बाल हैं | तुम कब आपके इस विशेष अनुग्रह के आगे झुकोगे?

क्या तुम अब भी मसीह की परिपूर्णता के विषय में और जानना चाहोगे? आप सारी दुनिया के मालिक हैं | सब माल और धन, आपके जीवन का हर क्षण, यहाँ तक की तुम खुद आपके हो | आपने तुम को बनाया और आप ही तुम को संभालते हैं | मसीह हर चीज़ के मालिक हैं | आपने अपने लाभ तुम्हारे हाथों में सौंप दिये ताकी तुम आपकी खातिर उनका प्रबंध करो | आप की मॉस-पेशियाँ, आपके विचार और आपके माता पिता, आपके प्रभु के उपहार हैं जो आपने तुम्हें अर्पण किये | तुम कब आपके इस विशेष अनुग्रह के लिये धन्यवाद कहोगे?

मसीह के अवतरण और जन्म के विषय में आश्चर्यजनक बात यह है कि परमेश्वर की परिपूर्णता एक शिशु के रूप में देहधारी बन गई | इस चमत्कार की सही भविष्यवाणी, भविष्यवक्ता, यशायाह ने सात सौ साल पहले पवित्र आत्मा की प्रेरणा से इन शब्दों में की थी : “क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्भुत युक्ति करनेवाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा ” (यशायाह 9: 6) | दुख की बात यह है कि मनुष्यों का दिमाग यह समझ नहीं पा रहा की परमेश्वर ने मसीह में होकर अपना शुद्ध स्वरूप मनुष्य में फिर से डाल दिया जो उसमें उत्पत्ती की शुरुआत में डाला गया था | यीशु तेजस्वी व्यक्ती हैं जो बुद्धीमान हैं | आप ज्ञान प्रदान करने वाले सलाहकार और सर्व शक्तीमान अनन्त परमेश्वर हैं | परमेश्वर के सभी गुण और उपहार चरनी के शिशु में उपस्थित थे | क्या तुम को इस आश्चर्यजनक अनुग्रह का अनुभव हुआ है कि परमेश्वर यीशु के व्यक्तित्व में हमारे बीच में आया? अब हम यह कह सकते हैं : परमेश्वर हमारे साथ है !

मसीह अपने गुण अपने आप तक सीमित रखना नहीं चाहते अन्यथा आप आसमान पर ही रहे होते | आप हमारी दुनिया में पधारे, हमारा देह स्वीकार किया और हम जैसा निचला स्वरूप भी धारण किया ताकी हमारे लिये स्वर्ग का दरवाज़ा खोल दें, अपने आसमानी पिता से हमारा मेल मिलाप करा दें और उसकी परिपूर्णता से हमें परीपूर्ण कर दें | इसी तरह पौलुस प्रेरित गवाही देते हैं कि परमेश्वर का उद्धेश यह है कि उसकी परिपूर्णता कलीसिया में हो| यदी तुम इफिसियों 1: 23; 4: 10 और कुलुस्सियों 2: 10 का अध्ययन करोगे तो तुम परमेश्वर की स्तुती की लहरों में बह जाओगे और अपने प्रभु के अनुग्रह की बड़ाई करोगे | अपने पापोमं में दुखी न रहो बल्की अपने दिलों को मसीह की परिपूर्णता के लिये खोल दो | चरनी के शिशु की तरफ आओ तो तुम्हें बहुत बरकतें मिलेंगी | वे तुम को तुम्हारे चारों तरफ रहने वाले लोगों के लिये अनुग्रह का सोता बना देंगे |

प्रार्थना: हे प्रभु यीशु मसीह, आप परमेश्वर के पुत्र हैं | सब प्रेम, शक्ती और सत्य आप में समाये हुए हैं | हम आपके सामने झुक कर खुशी मनाते हैं क्योंकि आप हम से बहुत दूर नहीं रहते बल्की हमारे बीच में रहे हैं | आप हम से प्रेम करते हैं | आप मनुष्य बने और हमारा उद्धार किया | अनुग्रह पर अनुग्रह प्रदान करने के लिये हम आप के आभारी हैं |

प्रश्न:

13. मसीह की परिपूर्णता का क्या अर्थ है?

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