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Home -- Hindi -- Romans - 016 (He who Judges Others Condemns Himself)
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रोमियो – प्रभु हमारी धार्मिकता है|
पवित्र शास्त्र में लिखित रोमियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री पर आधारित पाठ्यक्रम
भाग 1: परमेश्वर की धार्मिकता सभी पापियों को दण्ड देती है और मसीह में विश्वासियों का न्याय करती है और पापों से मुक्त करती है। (रोमियों 1:18-8:39)
अ - सारा संसार शैतान के तले झुका है और परमेश्वर अपनी पूरी धार्मिकता में न्याय करेंगे (रोमियों 1:18-3:20)
2. परमेश्वर का क्रोध यहुदियों के विरोध में प्रकट हुआ (रोमियो 2:1 - 3:20)

अ) वह जो दूसरों का न्याय करता है वह स्वयं दोषी है (रोमियो 2:1-11)


रोमियो 2:3-5
3 और हे मनुष्य, तू जो ऐसे ऐसे काम करनेवालों पर दोष लगाता है, और आप वे ही काम करता है; क्या यह समझता है, कि तू परमेश्वर की दंड की आज्ञा से बच जाएगा| 4 क्या तू उस की कृपा, और सहनशीलता, और धीरजरूपी धन को तुच्छ जानता है? और क्या यह नहीं समझता, कि परमेश्वर की कृपा तुझे मन फिराव को सिखाती है?5 पर अपनी कठोरता और हठीले मन के अनुसार उसके क्रोध के दिन के लिए, जिस में परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रगट होगा, अपने नीमित क्रोध कमा रहा है|

क्या तुम जानते थे कि बहुत अधिक घिनौनी मलिनता ना तो अशुद्धता है ना घमंड, ना परमेश्वर से घृणा बल्कि पाखंड है? एक पाखंडी अपने आप को धार्मिक, सरल, और अति भक्तिमान दर्शाता है जब कि अंदरूनी रूप से वह झूठ, गंदगी और छल कपट से भरा हुआ है| वह परमेश्वर के प्रति अति घृणा है| इकलौते पवित्र परमेश्वर तुम्हारे मुख पर से पर्दा हटा देंगे, और सभी लोगों, परियों और सन्तों के सामने तुम्हारे पापों के सच का पर्दा फाश कर देंगे, क्योंकि तुमने उन लोगों के सामने पवित्र होने का स्वांग रचाया था| तुम जितना जानते हो उसकी तुलना में तुम्हारी मलिनता बहुत अधिक है| गलत आशा में लिप्त मत हो जाओ| जैसे कि हवाईजहाज में जाने के लिए यात्रियों को अनुमति नहीं मिलती जब तक कि वे एक सख्त निरीक्षण से ना गुजरे, वैसे ही कोई भी अनंतता में नहीं जासकता जब तक कि उसे न्याय के लिए ना बुलाया जाता है जिससे कोई नहीं बच सकता| क्यों अधिकतर लोग अपनी मृत्यु से डरते है, और उस भयंकर फसल काटने वाले के आगमन से लडखडाते हैं यानि उन क्षणों में लोग तुरंत यह पहचान जाते हैं कि वे अपने जीवन के उद्देश्य को खो चुके हैं और यह कि वे न्याय की घडी के सामने खड़े हैं|

न्याय के उस महान दिन, संसार के सभी लोग काले, पीले, लाल, भूरे, और गोरे, अमीर और गरीब, ऊँचे और नीचे पद वाले, विद्वान और मूर्ख, बूढ़े और जवान, पुरुष और महिलाएं, बंधक और स्वतंत्र सभी परमेश्वर के सामने मिलेंगे| तब वह पुस्तकें खोली जाएंगी जिनमें लोगों के कार्य और शब्द और विचार लिखेगये है| हम लोग जो इस लिपिबद्ध करने की चौकसी रखनेवाले फोटो खींचने के यंत्र के और सूक्ष्म चलचित्रों की पट्टियों के युग में रहते हैं, के लिए यह समझना कुछ कठिन नहीं है कि यह कितना आसान है, कि हमारे सृष्टिकर्ता अपने द्वारा निर्मित किये गये हर एक प्राणी के कार्यों, विचारों, शब्दों का लेखा जोखा रखते है| हमारे पास ना तो इतना समय है ना अनंतता में शिघ्रता है, और परमेश्वर के पास पर्याप्त समय है हमारे विषय में भली भांति जाँच परख करने के लिए| तुम्हे परमेशर के सामने अपने बचाव के लिए कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं है जो तुम्हारे ह्रदय और दिमाग को जांचते है, और यह बिल्कुल निरुपयोगी है कि दूसरे को दृढतापुर्वक दोष देना, या अपने पालको, शिक्षकों या दूसरे लोगो को अपराधी ठहराना| तुम दुष्ट हो, और परमेश्वर तुमको दण्ड देते है| तो महान न्यायाधीश के सामने खड़े होने के लिए अपने आपको तैयार करो, क्योंकि तुम कभी भी उनके न्याय की घडी से बच नहीं सकते|

परमेश्वर की महिमा के पुनरुत्थान में, आज जान लो कि तुम दूषित हो| दुख और पीड़ा में बडबडाना शुरू मत करो, बल्कि परमेश्वर के सामने अपने पापों को स्वीकार करो, अपने आप को नकारो और दोषी ठहराओ, और जो कुछ भी तुमने किया था उसे कहो| तुम्हारे एक भी बुरे कार्य को मत छिपाओ बल्कि पवित्र परमेश्वर की उपस्थिति में स्वीकार करो कि तुम तुम्हारे सभी उद्देश्यों में बुरे हो| स्वयं की आत्मा का टुटापन ही तुम्हारी मुक्ति का एक मात्र रास्ता है| एक हठ धर्मी मनुष्य के लिए परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर पाने की तुलना में एक ऊंट का एक सुई के छेद में से निकल पाना अधिक आसान है|

ऐसा है तो भी परमेश्वर दयावान है, वह निर्दयता से उनके प्राणियों का नाश नहीं करते है, परन्तु वह उन पछतावा करने वाले अपराधियों से प्रेम करते हैं, जो पूरी तरह से अपराधों को छोड़ने का निर्णय ले चुके हैं| परमेश्वर जानते हैं कि सभी मनुष्य भ्रष्ट हैं, और कोई भी उनकी पवित्रता के आगे सच्चा नहीं है, परन्तु वह धैर्यवान है, प्रेम और दयालुता से भरपूर, और उनकी प्रेमभरी दयालुता के कारण वह पापी को एक ही बार में मर जाने का कारण नहीं मानते| आज प्रत्येक मनुष्य के लिए उनके दण्ड की आज्ञा को विचार और परीक्षा की आवश्यकता है, परन्तु उनकी अच्छाई हमें पछतावा करने के लिए एक और मौका देती है| हम सभी परमेश्वर की विचार-शीलता से जी रहे हैं| निसंदेह, उनको यह अधिकार और शक्ति है कि एक झटके में वह हमारी दुनिया का अंत कर दे, परन्तु परमेश्वर, रक्षा और दया करते हैं, जल्दी से ऐसा व्यवहार नहीं करते परन्तु आशा करते हैं कि सभी उनकी ओर मुड जायेंगे और अपने दिमागों में परिवर्तन करेंगे| क्या तुम परमेश्वर के आगे अपने अपराधों के लिया पछताते हो, और दुखी होकर उनसे याचना करते हो कि वे तुममें एक स्वच्छ हृदय का निर्माण करें,और तुम में एक आदर्श आत्मा का नवीनीकरण करें? क्या तुम परमेश्वर की दयालुता का उपयोग, धार्मिकता के लबादे के नीचे, अपने पापों के कार्यों को पूरा करने के लिए करते हो? क्या तुम परमेश्वर के प्रेम से घृणा करते हो, गलत सिद्धांतों और दार्शनिकता की ओर मुड़कर,न्याय से बचने के लिए कोई रास्ता ढूंढ रहे हो? महान न्याय का दिन निश्चित है, और जो अपने आपको नहीं नकारता है और अपने शारीरिक सुखो के लिए मरता है, वह उनसे घृणा करता है जो हृदयों और दिमागों को जांचते है, जो ना नींद में है ना सोते है, बल्कि वह प्रत्येक मनुष्य के सच्चे चरित्र को जानते है|

परमेश्वर की दयालुता को कस कर पकड़ लो, और तुम बच जाओगे| उनकी दया की कोमलता को गहराई से समझ लो, और तुम्हे आशा मिलेगी| अपने दिमाग को बदलो, और परमेश्वर के प्रेम को पहचानो यह जानने के लिए कि परमेश्वर कौन हैं| वह एक दयावान पिता है, ना कि एक बेपरवाह तानाशाह जो ऐसे व्यवहार करता है जैसे कि वह हर एक की परवाह किये बिना उन्हें प्रसन्न करते हैं| परमेश्वर देखते है, सुनते हैं और तुम्हारे बारे में सबकुछ जानते हैं| वह तुम्हारे परदादाओ को जानते हैं, उसी तरह से तुम्हारा पिछला जीवन, और तुम्हारे आसपास का वातावरण एवं सभी स्थितियाँ जिनका तुम्हारे चरित्र पर असर पड़ा था| साथ ही वह तुम्हारे प्रलोभनों और विश्वासघाती इच्छा को भी जानते हैं| परमेश्वर पक्षपाती नहीं हैं| वह अच्छे हैं और न्याय करने को स्थिरता और दया का प्रतिपादन करते हैं| वह तुम्हे क्षमा करने के लिए तैयार थे और यदि तुम पूरी तरह से अपने आपको उनको सौप दो तो तुम्हे स्वच्छ करने की इच्छा रखते हैं, तुम्हारी इर्ष्यालू आत्मा से नफरत करते हैं, अपनी इर्ष्या को स्वीकार करो, और अपने दिमाग को उनके नाम में त्यागने के लिए तैयार करो|

अपने आप पर संताप करो जब तुम परमेश्वर की पवित्रता और दयालुता को जानते हो और पश्चाताप नहीं करते क्योंकि तब तुम्हारा ह्रदय कठोर, और दिमाग अंधा हो चुका है| एक हठधर्मी पाखंडी अपनी आत्मा को भ्रष्ट कर चुका है और मुड नहीं सकता| वह डर नहीं सकता, ना ही आसानी से आगे भी परमेश्वर के बुलावे को समझ नहीं सकता| वह परमेश्वर के वचन को बिना किसी असर के पढ़ता है| इसलिए पश्चाताप करो तब तक जब तक कि यह आज कहलाये, और अपने आपको उस महान परिश्रमी को, तुम्हारी मुक्ति को निश्चित करने के लिए दे दो, इससे पहले कि तुम्हारे लिए ऐसा करने का अवसर ना रहे|

उस भयंकर समय, परमेश्वर का क्रोध, विशेष रूप से उनके विरोध में उत्तेजित होगा जो उनकी दयालुता के बारे में सुन चके है और उसकी उपेक्षा करते थे, और उनकी ओर, अपने टूटे हुए ह्रदयों के साथ नहीं मुड रहे हैं| वे लोग न्याय के उस दिन बिलकुल बिना किसी आशा के होंगे क्यों कि वे अपना आत्मिक धन लुटा चुके हैं, और घृणा, कपटता, गलतियों और अन्याय के साथ हैं| ऐसे लोग बेपरदा, लांछित और दण्डित होने चाहिए उस अंतिम न्याय के समय क्योंकि उन्होंने ना तो पछतावा, ना अपने अपराधों को स्वीकार किया|

प्रार्थना: ओ पवित्र परमेश्वर मुझे आपके पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन में एक गंभीर पछतावा प्रदान करने की कृपा करें| मुझे अपनी शरण में वापस ले लें क्योंकि मेरी वापसी पूरी नहीं है| मेरी मदद करें कि मै आपकी पवित्रता और प्रेम को अनदेखा न करूं, परन्तु आपकी सहनशीलता में अपनी अधैर्यता को पहचान सकूँ| ओ परमेश्वर मैं आपके धार्मिक क्रोध में नाशवान हूँ| मुझे आपकी तीव्रता में दण्ड न दे, वरन मुझे आपकी कृपा के साथ अनुशासित करें| मेरे अन्दर के सभी प्रकार के अहंकारीपन को तोड़ दे कि मै स्वयं मर जाऊँ और आपकी दयालुता से जिन्दा रहूँ| मुझे सभी प्रकार के छल कपट से स्वतंत्र कीजिए, और मुझ मेरे ह्रदय की कठोरता के लिए ना छोड देना| आप मेरे न्यायाधीश और रक्षक हैं| मै आपमें विश्वास करता हूँ|

प्रश्न:

20. वह क्या रहस्य है, जिन्हें पौलुस परमेश्वर के न्याय के बारे में हमारे सामने प्रकट करते हैं?

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