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Previous Lesson -- Next Lesson रोमियो – प्रभु हमारी धार्मिकता है|
पवित्र शास्त्र में लिखित रोमियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री पर आधारित पाठ्यक्रम
भाग 1: परमेश्वर की धार्मिकता सभी पापियों को दण्ड देती है और मसीह में विश्वासियों का न्याय करती है और पापों से मुक्त करती है। (रोमियों 1:18-8:39)
अ - सारा संसार शैतान के तले झुका है और परमेश्वर अपनी पूरी धार्मिकता में न्याय करेंगे (रोमियों 1:18-3:20)
3. सभी मनुष्य भ्रष्ट और दोषित है (रोमियो 3:9-20)रोमियो 3:9-10 पौलुस ने परमेश्वर के नाम में, यहूदी और अन्य जातियों दोनों के विरोध में एक साथ अपनी शिकायत की और उनके सामने यह सिद्ध किया कि दोनों में से किसी को भी दूसरों पर वरीयता या लाभ नहीं है| सभी अपराधी है, और उनके अपराध सुस्पष्ट है| उन्होंने परमेश्वर के सीधे मार्ग को छोड दिया है और पापों के गुलाम बन गये है, अपने छल कपट और कामुकता में जकड़े हुए| पौलुस ने स्वयं को, अपनी शिकायत में सम्मिलित किया था, हमारे साथ स्वीकार किया कि वह अपराधी थे| क्या तुमने कोई ऐसी वस्तु देखीहै जो कि इतने गंदी है, तुम्हारे अपराध इतने ही गंदे है जिससे तुम्हारी आत्मा घिन बन गई| अपने आपको पौलुस की शिकायत के साथ तुलना करो और तुम यह पहचान जाओगे कि वह तुम ही हो जिसके बारे में व्याख्या की गई है| रोमियो 3:11-12 परमेश्वर की चमकती हुई पवित्रता के सामने हम सब अस्वच्छ हैं| यहाँ यीशु के आलावा कोई धार्मिक नहीं है| हमारे दिमागों के चारो ओर घना कोहरा है, और हम परमेश्वर, जो हमारा महान स्तर जो वे है, को देख पाने में असमर्थ है| हम हमारे अपराधों की भयानकता को नहीं जानते| यदि मनुष्य केवल परमेश्वर की महिमा को ढूंढ रहा होगा कि वे चतुर बन सके! यद्धपि, प्रत्येक व्यक्तिने अपने अंदर से लिपट कर, अपनी कामुकता से बंधे हुए, आराम को ढूंढते हुए, अपना अपना रास्ता अपना लिया है| सभी मनुष्यों ने अपने परमेश्वर के मार्ग को खो दिया है, और कोई भी सही रास्ते पर नहीं चलता है| तुम अपने रंग ढंग में बिलकुल अच्छे नहीं हो| वे सभी एक ओर मुड कर, अलाभदायक बनकर, मार्ग भ्रष्ट हो गये है| हम सभी अपने व्यवहार में बुरे हैं, और हमारा अन्तःकरण हमें भली भांति पहचानता है| रोमियो 3:13 मनुष्यों का भ्रष्टाचार उनकी जुबानो में दिखाई देता है| हम सभी खूनी और कसाई हैं क्योंकि हम दूसरों की इज्जत, खुशियों और शांति को अपनी नुकीली जुबानो से विनाश और तहस नहस करने का कारण हैं; हमने अपने झूठ, शिकायतों, बेइज्जती, और शर्मनाक चुटकुलों से वातावरण को विषैला कर दिया है; और हम परमेश्वर की दिशाओं के विरोध में शिकायत करते है| हमारा विरोध हमारे मुंह में कडवी ईश्वरीयनिन्दा के समान है| हम परमेश्वर के अनुशासन को न मानने वाले अवज्ञाकारी है, और नहीं जानते कि हम और कुछ नहीं परन्तु भारी घूसों और अनअनुशासित न्याय के अधिकारी है| रोमियो 3:14-17 हमारी घृणा तीव्रता से नहीं बदलती क्योंकि हम हमारे शत्रुओं को पसंद नहीं करते, परन्तु हम कठोर मनुष्यों से अपना पीछा छुड़ाना चाहते है| वह लोग जो अपने शत्रुओ से घृणा करते है, खून कि नदियों बहाते हैं क्योकि मनुष्य आवेश में आकर निर्दयी पशु के रूप में परिवर्तित हो जाता है| हम लोगों के पास कोई शांति नहीं है जबकि हम सब शांति के बारे में बकवास करते रहते हैं| सभी मनुष्य खूनी हैं और उनके हृदय तिरस्कार, दोष, और अहंकारीपन से भरे हुए हैं, वे सच के अर्थ को खो चुके हैं और न उनका कोई स्तर है न ही उन्हें चैन है, परन्तु उन्होंने अपने आप को दोषग्राही परिस्थिति में गिरा दिया है| रोमियो 3:18 वे सभी जो परमेश्वर को नहीं जानते, मूर्ख हैं; और वह सब जिन्हे उनका भय नहीं है, बुद्धि से शून्य हैं, क्योंकि परमेश्वर का भय बुद्धिमता की शूरुआत है और उस पवित्र परमेश्वर के बारे में ज्ञान, समझदारी है| इन दिनों अविश्वास का विकास हो रहा है और मनुष्य इस प्रकार से व्यवहार कर रहा है कि जैसे यहाँ कोई परमेश्वर नहीं है| कोई आश्चर्य कि बात नहीं इसलिए कि अपराध भरपूर मात्र में होते हैं, और सडकों पर, पत्रिकाओं में, एवं हृदयों में निर्लज्जतापूर्वक सर उठाते हैं! रोमियो 3:19-20 केवल पुराने नियम की धर्मपरायणता अपराधी है, क्योंकि कानून उनको वहाँ तक लाया कि वे अपराध जान पाये| यह सच है कि कानून हमें सभी स्वर्गीय आशीषे दिलाने का वादा करता है यदि हम आयतों को पूरा करे, परन्तु कोई भी इंसान इस शर्त को नहीं निभा पाया| जब भी हम हमारी अपनी शक्ति से इसे दुबारा निर्मित करने की कोशिशे करते हैं, बुराई के साथ हमारा बंधन, हमारे खून में दृष्टी गोचर होता है| हम सभी परमेश्वर के दण्ड के अधिकारी हैं, और हमारे सभी दान हमारे स्वार्थीपन के साथ प्रदूषित है और हम पातें है कि परमेश्वर हमारे पक्ष में नहीं है| क्या तुम इन पौलुस के सिद्धांतों से सहमत हो? एक बार फिर से पढ़ो पौलुस ने क्या लिखा है कि तुम शायद से टूटे हुए और दूरदर्शी बन गये हो| प्रार्थना: ओ स्वर्गीय पिता, हम आपका धन्यवाद करते है कि आपने हमें मसीह में एक आशा दी कि हम न तो अलग और न ही निराशावादी बने| हम सभी अपने हृदयों, जुबानो, हाथों, पैरों और आखों में बुरे हैं; और हमारे हृदय छल, घृणा, कामुकता, और झूठ से भरे हुए हैं| कितना गन्दा इंसान हूँ मै| मुझे मेरे अपराधों के लिए क्षमा करे और मेरी आँखों के सामने आप अपनी पवित्रता से मुझे खींचे कि मुझमे घमंड की तलछट टूट जाये, और मै केवल आपकी आराधना करूं| और परमेश्वर, मुझे मेरे अपराधों से पूरी तरह से छुडाये| प्रश्न: 26. किस प्रकार उपदेशक ने हमारे अपराधों को स्पष्ट करते हुए पूरी मानवजाति के भ्रष्टाचार को स्पष्ट किया?
पहेली 1.प्रिय पाठको,
रोमियों की इस श्रंखला की सारी पुस्तिकाओं के पाठ्यक्रम को समाप्त कर के यदि आप हमें हर पुस्तिका के अंत में दिये गये प्रश्न के उत्तर भेजे, तब हम आप को एक उच्च शिक्षा का प्रमाणपत्र भविष्य में मसीह के लिए तुम्हारी सेवकाई के प्रोत्साहन के रूपमे| रोमियों को लिखीगई पौलुस की पत्री की परिक्षा हमारे साथ पूरी करने के लिए हम तुम्हे प्रोत्साहित करते है| ताकि तुम एक अनंत खजाने को प्राप्त कर सके| हम आप के उत्तर की प्रतिक्षा कर रहे हैं और आप के लिए प्रार्थना कर रहे हैं| हमारा पत्ता है: Waters of Life Internet: www.waters-of-life.net |