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यूहन्ना रचित सुसमाचार – ज्योती अंध्कार में चमकती है।
पवित्र शास्त्र में लिखे हुए यूहन्ना के सुसमाचार पर आधारित पाठ्यक्रम
दूसरा भाग – दिव्य ज्योती चमकती है (यूहन्ना 5:1–11:54)
क - यीशु की यरूशलेम में अन्तिम यात्रा (यूहन्ना 7:1 - 11:54) अन्धकार का ज्योती से अलग होना
3. यीशु अच्छा चरवाहा (यूहन्ना 10:1-39)

अ) भेड़ें सच्चे चरवाहे की आवाज़ पहचानती हैं | (यूहन्ना 10:1-6)


अध्याय 7 और 8 में यीशु अपने शत्रुओं को उनकी आत्मिक वास्तविकता कि परिस्तिथि जताते हैं और फिर अध्याय 9 में उनके अंधेपन को जताते हें जिसके कारण वो परमेश्वर ,उसके पुत्र और स्वंय उनके बारे में सत्य को नहीं जान पाये | दसवें अध्याय में आप अपने अनुयायियों को उनके पापी नेताओं के पीछे चलने के कर्त्तव्य से स्वतंत्र करते हैं और उन्हें अपनी ओर बुलाते हैं | आप अच्छा चरवाहा हैं, जो परमेश्वर की ओर पहुँचाने वाला एक मात्र दरवाज़ा हैं|

यूहन्ना 10:1-6
“1 मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि जो कोई द्वार से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, परंतु किसी दूसरी ओर से चढ़ जाता है, वह चोर और डाकू है | 2 परंतु जो द्वार से भीतर प्रवेश करता है वह भेड़ों का चरवाहा है | 3 उसके लिये द्वारपाल द्वार खोल देता है, और भेडें उसका शब्द सुनती हैं, और वह अपनी भेड़ों को नाम ले लेकर बुलाता है और बाहर ले जाता है | 4 जब वह अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल चुकता है, तो उनके आगे आगे चलता है, और भेडें उसके पीछे पीछे हो लेती हैं, क्योंके वे उसका शब्द पहचानती हैं | 5 परन्तु वे पराये के पीछे नहीं जाएँगी, परन्तु उससे भागेंगी, क्योंकि वे परायों का शब्द नहीं पहचानतीं | 6 यीशु ने उनसे यह दृष्टान्त कहा, परन्तु वे न समझे कि ये क्या बातें हैं जो वह हम से कहता है |”

कई गांवों में किसान अपनी भेड़ों को एक बड़े अहाते में जमा कर रात को रखवाली करते हैं | सुबह चरवाहे उस अहाते में जाकर अपनी भेड़ों को बुलाते हैं | पहरेदार उन्हें अन्दर जाने की अनुमति देते हैं | तब एक विचित्र घटना देखने में आती है | चरवाहे इस भरे हुए अहाते से अपनी अपनी भेड़ हाँक कर या घसीट कर नहीं निकालते हैं परन्तु अपनी जानी पहचानी आवाज़ से बुलाते हैं | भेड़ें उनके चरवाहों की आवाज़ों को पहचानती हैं और केवल अपने चरवाहे की आवाज़ के पीछे हो लेती हैं | अगर चरवाहे का स्वामी भेस बदल के भी आये तो भेड़ अपने स्वामी की आवाज़ सुन कर उसके पीछे चली जायेगी | परन्तु अगर कोई बनावटी चरवाहा उनके स्वामी का भेस बदल कर आये तो भेड़ें टस से मस नहीं होंगी | भेड़ें असली चरवाहे की सही आवाज़ पहचानती हैं | असली चरवाहा अपनी भेड़ों को बुलाकर हरी चरागाहों और ताज़गी देने वाले पानी की ओर ले जाता है | उसकी भेड़ें उसके पीछे जमा हो जाती हैं, उनमें से एक भी पीछे नहीं रहती| वो अपने चरवाहे पर पूरी तरह से विश्वास रखती हैं|

यीशु इस दृष्टान्त का यह बताने के लिये प्रयोग करते हैं कि वो सब लोग जो अपनी इच्छा से आप की आवाज़ सुनना चाहते हैं, उनके लिये यीशु दिव्य चरवाहा हैं | आप पुराने नियम के लोगों के पास उन्हें छिनने या चुराने के लिये नहीं आये बल्की आप ने उन में से परमेश्वर के विशेष लोगों को चुन कर अपनी तरफ बुलाया | आप ने उन्हें बचा लिया और उन्हें आत्मिक भोजन खिलाया | दूसरे चरवाहे उन लुटेरों कि तरह हैं जो भूखे भेड़ियों की तरह भेड़ों के झुंड के चारों तरफ दबे पांव चक्कर लगते रहते हैं | वो सहकारियों की मदद से धोका देकर घुस जाते हैं और भेड़ों को अपने लिये छीन कर ले जाते हैं और उन्हें खा जाते हैं | वो अपने लिये जीते हैं और अपना सम्मान करते हैं | वो निष्ठा पूर्वक भेड़ों की सेवा नहीं करते | ख्रिस्ती मंडली के पादरी और सेवक जिन्हें प्रभु ने स्वंय नहीं बुलाया और जो सत्यता से मसीह में वास नहीं करते उन्हें प्रभु लुटेरे कहते हैं | वो सहायता करने के बदले क्षति पहुंचाते हैं|

आने वाले समय के संकट को देखते हुए यीशु ने भविष्यवाणी की, कि आप के जो असली अनुयायी हैं, वो इन अपरिचित चरवाहों से दूर रहें और उनसे कोई संबन्ध न रखें | आप ने उनसे आग्रह किया कि वो परमेश्वर की अपनी प्रतिज्ञा पर विश्वास करें जो भजन सहिता 23 में की गई है कि वो स्वंय अपनी भेड़ों कि रखवाली करेगा|

लोग यीशु के वचन को समझ नहीं पाये कि उनके चरवाहे निष्ठाहीन और बुरे हैं | (यार्मयाह 2:8, 10:21; यहेजकेल 34:1-10; जकर्याह 11:4-6). तथापि परमेश्वर अपने लोगों को बचाने के लिये उनका अच्छा चरवाहा बनने के लिये तैयार थे और उनके लिये मूसा और दाउद की तरह ईमानदार पादरी भेजने के लिये भी तैयार थे | पवित्र शाश्त्र में पादरियों के लिये अलंकार का प्रयोग किया गया है | “चरवाहा,” गल्ला,” “परमेश्वर का मेमना” और खून बहा कर पाप से मुक्ती पाना,” यह शब्द देहाती पादरियों की विचार धारा से ढाले गये हैं | परमेश्वर अपने पुत्र में अच्छा चरवाहा कहलाता है जिस से परमेश्वर की हमारे लिये आवयशक चिंता दिखाई देती है|


ब) यीशु विश्वसनीय दरवाज़ा हैं (यूहन्ना 10:7-10)


यूहन्ना 10:7-10
“ 7 तब यीशु ने उनसे फिर कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूँ, भेड़ों का द्वार मैं हूँ | 8 जितने मुझ से पहले आए वे सब चोर और डाकू हैं, परन्तु भेड़ों ने उनकी न सुनी | 9 द्वार मैं हूँ; यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे, तो उद्धार पाएगा, और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा | 10 चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है; मैं इसलिए आया कि वे जीवन पाएँ, और बहुतायत से पाएँ |”

यीशु अपने आप को परमेश्वर के गल्ले का दरवाज़ा बताते हैं | यीशु के द्वारा पाप से मुक्ति पाये बिना कलीसिया में संगति नहीं मिल सकती | जो मनुष्य किसी और को मसीह के बिना धार्मिक बनाने का प्रयत्न करता है वो उस चोर के समान है जो परमेश्वर की भेड़ों को भ्रम में डालता है | पवित्र आत्मा हमें भिन्न मार्गों से नहीं किन्तु सकरे दरवाज़े से ले जाता है और वो दरवाज़ा यीशु हैं | जो कोई इस दरवाज़े से अन्दर नहीं आता, ना आप का मांस खाता है और ना आप का खून पीता है, उसे परमेश्वर के संतान की सेवा करने का अधिकार नहीं है | हमें अपने आलस को मार कर मसीह के अनुयायी दल में प्रवेश करना चाहिए तब हम आप के गल्ले का हिस्सा बन जाते हैं|

सब प्रतिष्ठित लोग जो मसीह से पहले या बाद में आये, आप के पवित्र आत्मा के अनुसार नहीं रहे, वो धोकेबाज़ चोर हैं | यीशु कहते हैं कि सभी तत्वज्ञानी, सिद्धांतकार और राष्ट्रिय नेता अगर वो आप पर विश्वास नहीं करते और आपकी अधीनता को स्वीकार नहीं करते तो वो चोर हैं | वो अपनी शिक्षा और आदतों से जनसमूह को भ्रष्ट करते हैं | परन्तु सच्चे भविष्यवक्ता जो मसीह की आत्मा मे वास करते हैं और आप से पहले आकार गए , उनके हृदय टूट चुके थे और वो इसी दरवाज़े से परमेश्वर के पास आये थे | मसीह ने उन्हें तैयार किया और अपने गल्ले और अनुयायियों की वफादारी से सेवा करने के लिये भेज दिया|

कोई व्यक्ती परमेश्वर के अनुयायियों में प्रवेश नहीं कर सकता जब तक की वो अपने लिये मर नहीं जाता और अपने उद्धार के लिये यीशु से लिपट नहीं जाता | यीशु अपनी आज्ञाकारी भेड़ों को राजा और पादरी बनाते हैं | एक ईमानदार पादरी दरवाज़े से निकल कर दुनिया में चला जाता है और लोगों से विनती करता है कि उद्धार पायें | तब वो उनके साथ कलीसिया में लौट आता है ताकी वो मसीह में और मसीह उसमें वास करें | ऐसे पादरी अपने आप को भेड़ों से श्रेष्ठ नहीं समझते क्योंकी वो सब मसीह में रहते हैं | जो कोई बड़ी नम्रता से रहता है वो अपने प्रभु में भरपूर शक्ती और ज्ञान पता है | नम्र हृदय में हमेशा कायम रहने वाली चरागाह पाता है|

चार बार यीशु ने अपनी भेड़ों को व्यवस्था के तद्न्यों और याजकों के बारे में चेतावनी दी जो अपनी महिमा चाहते हैं और दूसरों को भ्रष्ट करते हैं|

साथ ही साथ यीशु ने प्रत्येक व्यक्ति को अपने पास बुलाया ताकि उसे सच्चा और अच्छा शांतिपूर्ण जीवन दें और वो दूसरों के लिये आशीष का साधन बने | जो कोई मसीह के पास आता है वो दूसरों के लिये सद्गुणों का झरना बन जाता है | चरवाहे स्वंय अपने लिये नहीं जीते बल्की वो अपने दिन और अपना जीवन गल्ले के लिये बलीदान कर देते हैं | परमेश्वर का आत्मा केवल स्वंय हमारे उद्धार के लिये स्वर्गीय जीवन नहीं देता परन्तु हमें सेवक और पादरी नियुक्त करता है ताकि हम स्वंय को अस्वीकार करके दूसरों से प्रेम करें | प्रेम के बढ़ने से आशीषें बढती जाती हैं| प्रभु के लिये सेवा से अधीक प्रेमय कुछ भी नहीं है | “ताकि वे जीवन पायें और बहुतायत से पायें,” इस वचन का अर्थ यही है|

प्रार्थना : प्रभु यीशु मसीह, हम आप का धन्यवाद करते हैं क्योंकी आप वो द्वार हैं जो हमें परमेश्वर की ओर ले जाता है | हम आप की आराधना करते हैं क्योंकी आप ने हमें अपनी संगती के लिये बुलाया ताकी हम परमेश्वर और मनुष्य दोनों की सेवा कर सकें | हमारी सहायता कीजिए ताकी हम आपकी आज्ञा का पालन करके सत्य जीवन पायें | हमारे लिये यह संभव कीजिये कि हम आप की आत्मा की अगुवाई के द्वारा और आत्माओं को जीतने में सफल हों और जो अनुग्रह आप ने हम पर किया है उसके कारण दूसरों के लिये आशीष का कारण बन जायें|

प्रश्न:

70. यीशु अपनी भेड़ों पर कौन सी आशीषें प्रदान करते हैं?

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