Waters of Life

Biblical Studies in Multiple Languages

Search in "Hindi":
Home -- Hindi -- John - 095 (The world hates Christ)
This page in: -- Albanian -- Arabic -- Armenian -- Bengali -- Burmese -- Cebuano -- Chinese -- Dioula? -- English -- Farsi? -- French -- Georgian -- Greek -- Hausa -- HINDI -- Igbo -- Indonesian -- Javanese -- Kiswahili -- Kyrgyz -- Malayalam -- Peul -- Portuguese -- Russian -- Serbian -- Somali -- Spanish -- Tamil -- Telugu -- Thai -- Turkish -- Twi -- Urdu -- Uyghur? -- Uzbek -- Vietnamese -- Yiddish -- Yoruba

Previous Lesson -- Next Lesson

यूहन्ना रचित सुसमाचार – ज्योती अंध्कार में चमकती है।
पवित्र शास्त्र में लिखे हुए यूहन्ना के सुसमाचार पर आधारित पाठ्यक्रम
तीसरा भाग - प्रेरितों के दल में ज्योती चमकती है (यूहन्ना 11:55 - 17:26)
द - गैतसमनी के मार्ग पर बिदाई (यूहन्ना 15:1 - 16:33)

3. दुनिया मसीह और आप के चेलों से घ्रणा करती है(यूहन्ना 15:18 - 16:3)


यूहन्ना 16:1-3
“1 यह बातें मैं ने तुम से इसलिये कहीं कि तुम ठोकर न खाओ | 2 वे तुम्हें आराधनालयों में से निकाल देंगे, वरन वह समय आता है, कि जो कोई तुम्हें मार डालेगा वह समझेगा कि मैं परमेश्वर की सेवा करता हूँ | 3 ऐसा वे इसलिये करेंगे कि उन्होंने न पिता को जाना है और न मुझे जानते हैं |”

यीशु ने अपने चेलों से कहा कि तीन कारणों से लोग उन से घ्रणा करेंगे:

क्योंकि उनकी परमेश्वर से उत्पत्ती हुई है न कि दुनिया से |

क्योंकि लोग मसीह को, न परमेश्वर के पुत्र को और न ही उसके स्वरूप को मानते हैं |

वह कट्टर धार्मिक नेता सत्य परमेश्वर को न जानते थे और किसी अनजान और गुप्त देवता की आराधना करते थे |

इस में संदेह नहीं कि नरक की घ्रणा निरंतर जारी रहती है | जो व्यक्ति हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता पर विश्वास करता है उसे कट्टर धार्मिक लोग धर्मद्रोही समझ कर जहाँ कहीं वह मिले, मार डालते हैं, और यह सोचते हैं कि वे परमेश्वर की सेवा कररहे हैं |सच प[उछो तो वो शैतान की सेवा करते हैं | वे नहीं जानते कि सत्य परमेश्वर पवित्र पिता है; उन्हें मसीह के खून की शक्ति का अनुभव नहीं होता | वो पवित्र आत्मा की शक्ति से भी वंचित होते हैं | इस लिये एक अनजान आत्मा उन्हें पवित्र त्रिय का प्रतिनिधित्व करने वालों को अत्याचार, हत्या और अन्य प्रकार के संकटों के द्वारा नष्ट करने की प्रेरणा देती है | यहूदी भी ऐसा ही किया करते थे और मसीह के दुबारा लौट का आने तक ऐसा ही होता रहेगा |

यह न सोचो कि भविष्य कुछ बेहतर होगा क्योंकि मानव जाति के ज्ञान और ज्ञानदान में वृद्धि होगी | जी नहीं, यह दोनों विरोधी आत्मायें अंत तक दुनिया में रहेंगी: एक आत्मा आस्मानी होगी और दूसरी धर्ती की | स्वर्ग और नरक के बीच में कोई पुल नहीं है | या तो तुम पूरी तरह से पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा की संगती में प्रवेश करो या फिर पूरी तरह से नरक की दासता और तुम्हारे अपने पापों के काराग्रह में गिर जाओ | अगर तुम यीशु के अनुयायी बनो तो तुम प्रितिमी व्यक्ति बन जाओगे, और अपनी गवाही से पिता का सम्मान करोगे | परन्तु अगर तुम उअस की सन्तान न बनोगे, तो तुम दूसरी आत्माओं और विचारों में उलझ जाओगे और परमेश्वर के शत्रु बन जाओगे |

अगर तुम सत्य रूप से परमेश्वर में बने रहे तो यीशु तुमको उस कीमत की याद दिलास्ते हैं जो परमेश्वर ने तुम्हें अपनी सन्तान बनाने के लिये अदा की है | जब नरक में यीशु और आप के अनुयायियों के विरुद्ध स्फोट होगा तब तुम्हारा भविष्य अत्यंत कठीन और दुख:दायी होगा | दुनिया यीशु के हर विश्वास ओउर्ण अनुयायी से घ्रणा करती है; इस लिये या तो तुम परमेश्वर को पिता समान पा लो और हमारी दुनिया में अजनबी बन काओ या तो तुम परमेश्वर के शत्रु बने रहो | और दुनिया अपना समझ कर तुम्हारा स्वागत करेगी | इस लिये जीवन मृत्यु में से किसी एक को चुन लो |

प्रार्थना: प्रभु यीशु, हम आप का धन्यवाद करते हैं क्योंकि आप ने मृत्यु को चुन लिया और अपने पिता के वफादार रहे | हमें दुनिया की आत्मा से काट डालिये और आप के प्रेम में जड़ पकड़ने दीजिये ताकि हम परमेश्वर की सन्तान बने रहें | आप का प्रेम हमें शक्ति और मार्गदर्शन प्रदान करता है |

प्रश्न:

99. मसीह पर विश्वास करने वालों से दुनिया घ्रणा क्यों करती है?

www.Waters-of-Life.net

Page last modified on March 04, 2015, at 05:27 PM | powered by PmWiki (pmwiki-2.3.3)