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Previous Lesson -- Next Lesson रोमियो – प्रभु हमारी धार्मिकता है|
पवित्र शास्त्र में लिखित रोमियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री पर आधारित पाठ्यक्रम
भाग 1: परमेश्वर की धार्मिकता सभी पापियों को दण्ड देती है और मसीह में विश्वासियों का न्याय करती है और पापों से मुक्त करती है। (रोमियों 1:18-8:39)
स - न्यायीकरण का अर्थ है परमेश्वर और मनुष्य के बीच एक नया रिश्ता (रोमियो 5:1-21)
3. मसीह का अनुग्रह मृत्यु, अपराध और कानून के ऊपर विजयी है (रोमियो 5:12-21)रोमियो 5:12–14 पौलुस ने हमारे सामने मृत्यु का रहस्य उजागर किया है यह दिखाते हुए कि हमारे अपराध ही हमारे विनाश का कारण है| हमारे प्रथम पालको ने परमेश्वर के विरोध में बगावत शुरू की थी, और उन्होंने मृत्यु के शब्द को बोया था, सभी प्राणियों को अपने भ्रष्टाचार की ओर खींचा, क्योंकि हम उसी नस्ल के हैं| उस समय से, मृत्यु सभी प्राणियों के ऊपर शासन करती है, यहाँ तक कि पुराने समझौते के प्रति धार्मिक एवं कानून के रखवालों के ऊपर भी, क्योंकि अपराध दिखाई दे रहे हैं और कानून के आने के बाद मृत्यु शब्द उचित बन गया है| हम सब मरेंगे, क्योंकि हम सब अपराधी है| हमारे मानवीय जगत का अनंत जीवन नहीं है| हम धीरे धीरे मृत्यु की ओर अग्रसर हैं, क्योंकि हम मृत्यु के बीज को अपने अन्दर लेकर चलते हैं| यद्यपि परमेश्वर हमें पश्चाताप करने के लिए समय देते है कि हम अपने रक्षक को स्वीकार करें, और अपने ईसाई विश्वास द्वारा नए जीवन से परिचित हो| रोमियो 5:15–17 पौलुस हमें पहले आदम द्वारा, अपराध और मृत्यु के रहस्य को समझाते है और दूसरे आदम द्वारा धार्मिकता और जीवन को जिन्हें वे हमारे पहले पिता कहते हैं “मसीह के सांचे में जो पहले आये थे”| पौलुस ने यह नहीं कहा कि जैसे आदम द्वारा अपराध और मृत्यु अनेको में फ़ैल गई तो परमेश्वर का अनुग्रह और अनंत जीवन का उपहार मानव यीशु द्वारा अनेको में फ़ैला; क्योंकि मसीह आदम से महान और उनसे अलग हैं| हमारे पिता परमेश्वर हमें केवल थोडा सा नहीं देते है, परन्तु बहुत अधिक स्वर्गीय अनुग्रह व उपहार देते हैं| यह मृत्यु के समान पक्षघाती और घातक नहीं है, बल्कि यह, सक्रियता,फलाफूला, बढता हुआ और मजबूत जीवन का निर्माण करतें है| अपराध के विरोध में परमेश्वर का दण्ड पहले ही मनुष्य के साथ शुरू हो गया था, और स्वतः ही यह दोष सभी पर आ गया| यह न्यायीकरण के समान नहीं है, जो कि एक अपराधी के साथ नहीं बल्कि सभी अपराधियों के साथ शुरू होता है क्योंकि मसीह ने एक ही बार सभी को न्यायोचित ठहराया था| वह, जो उनमे विश्वास करता है न्यायोचित है| जब मृत्यु, हमारे प्रथम पालकों के अपराधों के कारण सारी मानव जाती के ऊपर एक जानलेवा शासक बन गयी थी मसीह ने अपने महान अनुग्रह के साथ एक राहत और अच्छा चष्मा खोल दिया था जिसके द्वारा अनंत जीवन सभी विश्वासियों के लिए बहता है| यद्यपि परमेश्वर का जीवन विश्वासियों के ह्रदयों पर दबावपूर्ण रूप से शासन नहीं कर पाया जैसे कि मृत्यु ने किया, परन्तु वो जो स्वच्छ किये गए थे, यीशु उनके प्रभु और रक्षक के साथ हमेशा शासन करेंगे| अतः यीशु की महानता की तुलना, आदम के साथ किसी भी प्रकार से नहीं की जा सकती है क्योंकि परमेश्वर का जीवन और अनुग्रह बुराई और मृत्यु से बहुत अलग है| रोमियो 5:18–21 पौलुस आदम और यीशु के बीच न्यायपूर्ण तुलना पर वापस लौट आये| यद्यपि इस लेखांश में वह व्यक्तियों की नहीं, बल्कि उनके कार्यों और प्रभाव की तुलना पहले करते हैं| एक मनुष्य के अपराध द्वारा बुराई ने सभी लोगों के ऊपर राज्य किया था, परन्तु एक मनुष्य के धार्मिक कार्य द्वारा न्यायीकरण एवं अनंत जीवन में सच्चाई सभी लोगों को दान दी गई| स्वर्ग का दान कितना महान है| हाँ पहले मनुष्य की अवज्ञा द्वारा हम सब अपराध के कैदी बन गए थे; परन्तु पहली आज्ञापालन द्वारा, हम स्वतंत्र हुए और धार्मिक बन गए थे| अंत में आदम अपने अपराधों के साथ और यीशु अपनी धार्मिकता के साथ के बीच तुलना करते हुए पौलुस कानून की समस्या में प्रवेश करते हैं| जगत के उद्धार के विषय में कानून मददगार नहीं था क्योंकि यह उद्धार के इतिहास में स्पष्टतःउल्लंघन को दर्शाने आया था, और इसके आज्ञापालन पूरा करने के लिए मनुष्यों को प्रोत्साहित किया| कानून ने मनुष्य की कठोरता को बढ़ाया और उसके अपराधों को बढा दिया | यद्यपि यीशु अनुग्रह के सभी सोतों को हमारे बहुत नजदीक ले आये और उन्होने हमें भरपूर शक्ति और लगातार धार्मिकता दान में दी है कि दुनिया के सभी रेगिस्तानों में अनुग्रह की नदिया बह सके| पौलुस हर्षो उल्लास और खुशी से चिल्लाये “यदि प्राचीन काल के लोगों पर अपराध, मृत्यु द्वारा राज्य करता आया है तो अब बुराई का अन्त हो गया है, क्योंकि हमारे युग में अनुग्रह एक मुकुट के रूपमे परमेश्वर की धार्मिकता पर पाया गया है जो मसीह की सूली के अनुरूप है|” प्रत्येक मनुष्य के पास धन्यवाद, शान्ति और स्तुति के लिए एक कारण है, क्योंकि मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान ने हमारे लिए एक नया ऐतिहासिक काल खोल दिया है, जो कि मृत्यु एवं अपराध की शक्ति के ऊपर है| हम अनुग्रह के विकास को इसके फलों और अनंत जीवन द्वारा देख सकते हैं, और परमेश्वर की शक्ति पूरी तरह से सुसमाचार द्वारा उनमे जो मसीह में विश्वास करते हैं, कार्य करती है| प्रार्थना: हम आपकी आराधना करते हैं, प्रभु मसीह, क्योंकि आप अपराधों, मृत्यु और शैतान पर विजयी है| आप हमें अनुग्रह के युग की ओर लाए, और हमें, आपने अपने जीवन की आनंददायी वस्तुओं में अपना हिस्सेदार बनाया| हमारे विश्वास को शक्ति दीजिए, और हमारी समझदारी को प्रबोधन कीजिए ताकि हम पुरानी शक्तियों जिन पर विजय हासिल कर चुके है, की ओर वापस न मुड जाये| हमें आपके अनुग्रह में स्थापित कीजिए और आपकी आत्मा के फूलों के रूप में हमारे सामने लाइये कि निसंदेह आपके अनुग्रह का शासन बना रहे और यह कि यह मृत्यु से अधिक शक्ति शाली है| हम आपका धन्यवाद करते है क्योंकि आपने हमें अपनी पूर्णता के साथ आशीषित किया, और आपने हमें अपनी महान ईमानदारी के साथ रखा| प्रश्न: 36. पौलुस आदम और मसीह के बीच तुलना द्वारा हमें क्या दर्शाना चाहते हैं?
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