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Previous Lesson -- Next Lesson रोमियो – प्रभु हमारी धार्मिकता है|
पवित्र शास्त्र में लिखित रोमियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री पर आधारित पाठ्यक्रम
भाग 1: परमेश्वर की धार्मिकता सभी पापियों को दण्ड देती है और मसीह में विश्वासियों का न्याय करती है और पापों से मुक्त करती है। (रोमियों 1:18-8:39)
द - परमेश्वर की शक्ति हमें अपराध कि शक्ति से छुडाती है| (रोमियो 6:1 - 8:27)
2. कानून से स्वतंत्रता हमें हमारे अपराधों से मुक्त कराने में सहायता करती है| (रोमियो 6:15-23)रोमियो 6:15-22 पौलुस के दिमाग में यूनानियों का धूर्त प्रश्न फिर से गूंजा क्या हम अपराध कर सकते हैं, क्योंकि हम तो कानून के अंतर्गत नहीं है परन्तु अनुग्रह द्वारा छुडाये जा चुके है? पौलुस इस शैतानी प्रश्न को पूरी तरह से अस्वीकार कर चुके थे, क्योंकि यह पवित्र आत्मा द्वारा नहीं, बल्कि नर्क द्वारा निर्मित था| पौलुस ने विश्वसियों को गवाही दी कि वे इच्छापूर्वक एव पूर्णतया यीशु के प्रेम के कारण स्वयं को उनके हाथों सौंप चुके थे और इसीलिए वे कानून की शिकायतों और अपराध की शक्तियों से छुट गए थे, और स्वयं परमेश्वर की धार्मिकता एवं जीवन को जी रहे हैं| वह जो मनुष्य की स्वतंत्रता का दावा परमेश्वर के भय के बिना करता है, झूठा है| डाक्टर लूथर मनुष्य की तुलना एक गधे से करते हैं, उनके वक्तव्य के अनुसार यह व्यक्ति एक मालिक के बिना जी सकने में असमर्थ है, क्योंकि कोई न कोई उस पर सवारी करना आवश्यक है| तुम या तो परमेश्वर द्वारा या शैतान द्वारा चलते जा रहे हो| जब परमेश्वर तुम्हारे परमेश्वर बनते हैं, और तुम उन्हें उल्लासपूर्वक लेते हो और लगातार तत्परता से उनकी सेवा करते हो तब तुम में निराशा, अपराध और मृत्यु की शक्ति समाप्त हो जाती है| इसके स्थान पर आशा, शांति और सच्ची आत्मिक स्वतंत्रता शुरू होजाती है| यीशु ने तुम्हे विमुखता और मन बहलाने के लिए नहीं बल्कि परमेश्वर की सेवा धार्मिकता की आत्मा के मार्गदर्शन में, दुसरों का भला करने के लिए छुडाया है| पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन की आज्ञापालन द्वारा, तुम्हारे अंतर्मन को राहत मिली है| यीशु की आत्मा से मित्रता के बिना तुम निराशा और घोर दुःख में हो| यीशु ने स्वयं गवाही दी थी कि उन पर एक बोझ था, अब वे स्वयं और अनंत परमेश्वर स्वतंत्र हो चुके है| यधपि वे हर्षपूर्वक उनके पिता के बोझ को समर्पित हो गए थे और यहाँ तक कि मृत्यु तक, सूली पर मृत्यु तक आज्ञा का पालन किया| दैवीय प्रेम ने यीशु को दुनिया के अपराधों को दूर ले जाने के लिए एक बंधक सेवक बनाया था, तो तुम उनका अनुसरण क्यों नहीं करते? क्या तुम अपने मित्र के अपराधों को अपने ऊपर उठा ले सकते हो, और उनकी उपेक्षा से दुखी हो? उदास मत हो परन्तु अपने ह्रदय को उनके द्वारा और आत्मिक छुटकारे के लिए उनको उकसाकर उसके पीछे लगाओ| परमेश्वर का प्रेम तुम्हे सभी लोगों की मुक्ति के लिए विनती करता है| यीशु के साथ जीवन तुम्हे बहुतों की सेवा, सैधांतिक या भावुकता पुर्वक नही, बल्कि दृढ निश्चय, त्याग, और तुम्हारी पूरी शक्ति के साथ करने के लिए मार्गदर्शन करता है| जैसे तुम पहले तुम्हारा समय पैसा, और उपहारों का झूठे मनोरंजन में उपयोग करते थे, अब अपनी सभी क्षमताओं को यीशु की सेवकाई और दुष्टों के उद्धार के में डाल दो| वह जो दुःख में है उन्हें सांत्वना दो, बीमार लोगों के पास जाओ, भूखे लोगों की मदद करो, कमजोर के साथ अध्ययन करो और उन को सुसमाचार के साथ जानकारी दो जो धार्मिकता की खोज में है| विश्वासियों के मन में यीशु के प्रेम का समावेश हमारे इस अन्यायी संसार में एक धैर्यवान आशा है| क्या तुम यीशु के सेवक और परमेश्वर के पुत्र के प्रेम के बंधक सेवक बन गए हो? यदि ऐसा है तो तुम पर अपराध की कोई शक्ति नहीं है, पश्चाताप के साथ तुम्हारी मृत्यु द्वारा तुम गुजर चुके हो, यीशु के साथ सूली पर चढाये गए हो, उनकी पवित्र आत्मा के साथ भरे हुए हो, और उनके अनंत जीवन में स्थापित किये जा चुके हो| उन सभी के साथ जो यीशु में जीते है तुम्हे एक महान आशा है| रोमियो 6:23 यह सुनहरी वचन जो सारे सुसमाचार का सार है, हमें स्पष्ट रूप से कहता है प्राकृतिक मनुष्य के फल और महान वस्तु के बारे में जो यीशु मसीह हमें देते हैं| हमने अपराध किया है इसलिए हम मरते हैं| मृत्यु अपरिहार्य है क्योंकि हम अपराधी है| और सभी मनुष्य अपराधी हैं, सभी मरते है| यही जीवन का परिणाम है| परन्तु जो यीशु में विश्वास करता है, परमेश्वर के उपहार को प्राप्त करता है| यह उपहार चांदी, सोने या किसी मूल्यवान धातु की नहीं है, न यह सारे जगत के तत्वों के बीच पाया जाता है| इसके स्थान पर यह सीधा परमेश्वर के ह्रदय से आता है, और सच में हमारे ह्रदयों में निवास करता है| वह उन सभी लोगों को जो उनके पुत्र के साथ सूली पर चढ़ाये गए थे, अपना स्वयं का जीवन देते है, कि वे उनके राज्य में हमेशा हिस्सेदार बने| वह ऐसा करते हैं क्योकि वे प्रभुओं के प्रभु हैं और वह अपने पिता एव पवित्र आत्मा के साथ राज्य करते हैं, एक परमेश्वर हमेशा और हमेशा के लिए| प्रार्थना: हम आपकी आराधना करते हैं ओ पिता पुत्र एवं पवित्र आत्मा, क्योंकि आपने हमें हमारे अपराधों और गुनाहों की जकडन से दूर निकला, मृत्यु की रस्सियों से छुडाया हमें यीशु के विश्वास तक ले गए और हमें अपनी आत्मा के जीवन से भर दिया कि हम हमेशा के लिए न मर जाये बल्कि आपके महान अनुग्रह के कारण आपके साथ और आप में जिए| प्रश्न: 40. मृत्यु एव अपराध की दास्ताँ और यीशु के प्रेम के बीच क्या अंतर है?
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