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Previous Lesson -- Next Lesson यूहन्ना रचित सुसमाचार – ज्योती अंध्कार में चमकती है।
पवित्र शास्त्र में लिखे हुए यूहन्ना के सुसमाचार पर आधारित पाठ्यक्रम
चौथा भाग - ज्योति अन्धकार पर विजय पाती है (यूहन्ना 18:1 - 21:25)
ब - मसीह का पुनरुत्थान और दर्शन देना (यूहन्ना 20:1 - 21:25)
1. फसह के प्रात: काल की घटनायें (ईस्टर) (यूहन्ना 20:1-10)
अ) मरियम मगदलीनी का कब्र के पास आना (यूहन्ना 20:1-2)यूहन्ना 20:1-2 चेले और महिलायें जो यीशु कि अनुयायीं थीं, शुक्रवार की घटनाओं से निराश हो गईं थीं | दूर ही से उन महिलाओं ने देखा कि किस तरह यीशु को कब्र में रखा गया | महिलायें और चेले, दोनों जल्दी से घर लौटे ताकि कोई उन पर सब्त तोड़ने का अपराध न लगाये, जो शुक्रवार की संध्या को लग भग छ बजे शुरू होती थी | उस महान सब्त के दिन जो फसह के पर्व से अनुरूप थी, कोई व्यक्ति कब्र पर जाने की हिम्मत न रखता था | जहाँ जन समूह यह विचार कर के आनन्दित थे कि बलिदान किए हुए मेमनों के प्रतीक से परमेश्वर का राष्ट्र से मिलाप हो गया है; वहाँ मसीही भयभीत हो कर और आँखों में आँसू लिये इकठ्ठे हो गये थे | उन की आशायेंउन के प्रभु के गाड़े जाने के साथ ही गाड़ी गईं | सब्त की शाम को, महिलायें शहर के फाटकों के बाहर न गईं, न शव को अभिषिक्त करने के लिये मसाले और दूसरी वस्तुयें खरीदने के लिये चली गईं | वह रविवार की सुबह की प्रतिक्षा करती रहीं | सुसमाचारक ने मरियम मगदलीनी के कब्र पर जाने का विशेष उल्लेख किया है परन्तु मरियम मगदलीनी के शब्द ‘हम’ के प्रयोग से, जो बहु वचन में है, यह इशारा मिलता है कि उन के साथ और महिलायें भी थीं | सलोमी, यूहन्ना की माँ, और कुछ और महिलायें रविवार के सवेरे-सवेरे आंसूं बहाते हुए एक साथ अभिषिक्त करने के लिये निकल पड़ीं | सूरज निकलने से पहले जब वे शोक में परेशान कब्र के पास पहुंचीं जिसे वह समझ रही थीं कि मुहर लगी होगी, परन्तु उन की आशायें चकना चूर हो गयीं और उन पर उदासी छा गई | पुनरुत्थान का प्रकाश अब तक उन पर न चमका था और उन के मनों पर अनन्त जीवन का उदय न हुआ था | कब्र पर पहुँचने के बाद एक बहुत बड़ा पत्थर देख कर वह दंग रह गईं, और आश्चर्य करने लगीं कि वे उसे कब्र के मुँह पर से कैसे हटायेंगीं | खुली कब्र उस दिन का पहला आश्चर्यकर्म था जो हमारी परेशानियों और अविश्वास के लिये गवाही है कि मसीह उन सब पत्थरों को हटा सकते हैं जो हमारे दिल पर बोझ बने हुए हैं | जो विश्वास करता है वह परमेश्वर में सहायता पाता है; विश्वास महान भविष्य देखता है | यूहन्ना हमें दूतों कि उपस्थिति के विषय में कुछ नहीं बताते | शक्यत: मरियम मगदलीनी अपनी सहेलियों से आगे निकल गई और कब्र में झाँक कर देखा | उसे वहाँ शव दिखाई न दिया | वह घबरा कर चेलों के पास गई | उसे संदेह न था कि चेलों के गिरोह के मुखिया को दूसरे चेलों के साथ इस आश्चर्यकर्म की जानकारी होना चाहिये | इस लिये वह चिल्लाई : “यीशु का शव खो गया |” यह एक और अपराध है | इस से यह प्रगट होता है कि चेले और वह आत्मिक दृष्टि से अन्धे थे क्योंकि उन्हों ने सोचा कि कोई व्यक्ति शव चुरा कर ले गया | उन के मन में यह विचार न आया कि प्रभु मृतकों में से जी उठे हैं क्योंकि आप प्रभु थे |
ब) पतरस और यूहन्ना कब्र की ओर दौड पड़े (यूहन्ना 20:3-10)यूहन्ना 20:3-5 यह प्रेम के लिये दौड़ थी | उन में से हर एक सब से पहले यीशु के पास पहुँचना चाहता था | पतरस जो बूढे थे, नौजवान यूहन्ना के पीछे हांप रहे थे और उस तक पहुँचने मे असफल रहे | दोनों, जासूसों और पहरेदारों के भय को भूल गये और शहर के फाटकों से निकल गये | जब यूहन्ना कब्र पर पहुँचे तब वे अन्दर न गये बल्कि गहरे आदर के कारण रुके रहे | कब्र के लिये तराशी हुई चट्टान के अन्दर झाँकते हुए उन्हों ने उदासी में देखा कि कफ़न के कपड़े, रेशम के कीड़े ने छोड़े हुए तितली के प्यूपा की तरह लिपटे हुए पड़े थे | कफन के कपड़े बाजू में रखे न गये थे बल्कि वहीं थे जहाँ शव रखा हुआ था | यह पुनरुत्थान के संबन्ध में तीसरा आश्चर्यकर्म था | मसीह ने अपने कपड़े फाड़े न थे बल्कि उन में से निकल आये थे | दूतों ने यीशु को बाहर आने के लिये पत्थर को हटाया न था परन्तु उन्हों ने उन महिलाओं और चेलों को कब्र के अन्दर जाने के लिये उसे हटाया था | प्रभु बाहर निकलते समय चट्टान में से निकल आये | प्रार्थना: प्रभु यीशु मसीह, मृतकों में से जी उठने के लिये हम आप का धन्यवाद करते हैं | आप ने सब दुष्टों पर विजय पायी और परमेश्वर के लिये राह खोल दी | मृत्यु की खाई में आप हमारे साथ हैं और हमें नहीं भूलते | आप का जीवन हमारा है, आप की शक्ति हमारी कमजोरी मे परिपूर्ण हो जाती है | हम आप के सामने झुकते हैं और आप से प्रेम करते हैं क्योंकि आप ने विश्वासियों को विजय प्रदान की है | प्रश्न: 119. मसीह के पुनरुत्थान के संबन्ध में तीन सबूत कौन से हैं ?
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