Home
Links
Bible Versions
Contact
About us
Impressum
Site Map


WoL AUDIO
WoL CHILDREN


Bible Treasures
Doctrines of Bible
Key Bible Verses


Afrikaans
አማርኛ
عربي
Azərbaycanca
Bahasa Indones.
Basa Jawa
Basa Sunda
Baoulé
বাংলা
Български
Cebuano
Dagbani
Dan
Dioula
Deutsch
Ελληνικά
English
Ewe
Español
فارسی
Français
Gjuha shqipe
հայերեն
한국어
Hausa/هَوُسَا
עברית
हिन्दी
Igbo
ქართული
Kirundi
Kiswahili
Кыргызча
Lingála
മലയാളം
Mëranaw
မြန်မာဘာသာ
नेपाली
日本語
O‘zbek
Peul
Polski
Português
Русский
Srpski/Српски
Soomaaliga
தமிழ்
తెలుగు
ไทย
Tiếng Việt
Türkçe
Twi
Українська
اردو
Uyghur/ئۇيغۇرچه
Wolof
ייִדיש
Yorùbá
中文


ગુજરાતી
Latina
Magyar
Norsk

Home -- Hindi -- John - 054 (Legalists bring an adulteress to Jesus)
This page in: -- Albanian -- Arabic -- Armenian -- Bengali -- Burmese -- Cebuano -- Chinese -- Dioula? -- English -- Farsi? -- French -- Georgian -- Greek -- Hausa -- HINDI -- Igbo -- Indonesian -- Javanese -- Kiswahili -- Kyrgyz -- Malayalam -- Peul -- Portuguese -- Russian -- Serbian -- Somali -- Spanish -- Tamil -- Telugu -- Thai -- Turkish -- Twi -- Urdu -- Uyghur? -- Uzbek -- Vietnamese -- Yiddish -- Yoruba

Previous Lesson -- Next Lesson

यूहन्ना रचित सुसमाचार – ज्योती अंध्कार में चमकती है।
पवित्र शास्त्र में लिखे हुए यूहन्ना के सुसमाचार पर आधारित पाठ्यक्रम
दूसरा भाग – दिव्य ज्योती चमकती है (यूहन्ना 5:1–11:54)
क - यीशु की यरूशलेम में अन्तिम यात्रा (यूहन्ना 7:1 - 11:54) अन्धकार का ज्योती से अलग होना
1. झोपड़ियों के पर्व के समय पर यीशु का वचन (यूहन्ना 7:1 – 8:59)

क) शास्त्री, व्यभिचार में पकड़ी गई एक स्त्री को यीशु को परखने के लिये आप के पास लाते हैं (यूहन्ना 8:1-11)


यूहन्ना 8:1-6
“1 परन्तु यीशु जैतून के पहाड़ पर गया | 2 भोर को वह फिर मन्दिर में आया; सब लोग उसके पास आए और वह बैठकर उन्हें उपदेश देने लगा | 3 तब शास्त्री और फरीसी एक स्त्री को लाए जो व्यभिचार में पकड़ी गाई थी, और उसको बीच में खड़ा करके यीशु से कहा, 4 ‘हे गुरु, यह स्त्री व्यभिचार करते पकड़ी गई है | 5 व्यवस्था में मूसा ने हमें आज्ञा दी है कि ऐसी स्त्रियों पर पथराव करें | अत: तू इस स्त्री के विषय में क्या कहता है ?’ 6 उन्होंने उसको परखने के लिये यह बात कही ताकी उस पर दोष लगाने के लिये कोई बात पाएँ | परन्तु यीशु झुककर ऊँगली से भूमि पर लिखने लगा |”

न्यायालय के सदस्य क्रोधित हो कर अपने अपने घरों को चले गए क्योंकी यीशु उनके हाथों से निकल गए थे | भीड़ यह समझ रही थी कि उनके नेताओं ने यीशु को मंदिर में प्रवचन करने की आज्ञा दे दी है | परन्तु इन सदस्यों ने अपनी जासूसी जारी रखी ताकी आप को अपने जाल में फसा लें | यीशु शाम के समय शहर की चार दीवारी से निकल कर किद्रोन की घाटी से होते हुए निकल गए |

दूसरे दिन यीशु शहर के केन्द्रीय स्थान पर वापस लौटे और मंदिर में प्रवेश किया जहाँ बड़ी भीड़ जमा थी | आप झोपड़ियों के पर्व के अंत तक राजधानी से फरार नहीं हुए बल्की अपने शत्रुओं के बीच घूमते रहे | फरीसी, सदाचारी पोलिस की तरह चौकन्ने हो कर अभिनय करते रहे, विशेषकर इसलिये कि यह पर्व प्रसन्न होने का और शराब पीने का अवसर समझा जाता था | उन्होंने एक स्त्री को व्यभीचार करते हुए पकड़ा | उन्हें ऐसा लगा कि वे इस घटना से यीशु की परीक्षा लें | अगर आप इस मामले में उदारता से काम लेते तो परमेश्वर और लोग इसे राज्य के रितीरिवाज़ के प्रती अपराध समझते परन्तु अगर आप व्यवस्था के अनुसार दंड की आज्ञा देते तो आपकी कठोरता प्रदर्शित होती और आपकी लोक प्रियता समाप्त हो जाती | इस स्त्री को दिया जाने वाला दण्ड प्रत्येक व्यक्ती के लिये होता जो सदाचार के आरोप से अपमानित हो | इस लिये वे बड़ी बेचैनी से आपके न्याय की प्रतीक्षा कर रहे थे |

यूहन्ना 8:7–9अ
“7 जब वे उससे पूछते ही रहे, तो उसने सीधे होकर उनसे कहा, ‘तुम में जो निष्पाप हो, वही पहले उसको पत्थर मारे |’ 8 और फिर झुककर भूमि पर ऊँगली से लिखने लगा | 9अ परन्तु वे यह सुनकर बड़ों से लेकर छोटों तक, एक एक करके निकल गए,”

जब फरीसियों ने यीशु के सामने इस व्यभीचारिणी पर आरोप लगाया तब आप झुक गए और अपनी ऊँगली से जमीन पर कुछ लिखने लगे | परन्तु हम नहीं जानते कि आप ने क्या लिखा | हो सकता है कि आप “प्रेम” शब्द के प्रयोग से एक नई आज्ञा लिख रहे हों |

वृद्ध आप की “हिचकिचाहट” समझने में असमर्थ थे और नहीं जानते थे कि संसार का न्यायाधीश, सहनशील है और उन के अंतकरण को छेदने वाला है | वो सोचते थे कि उन्होंने आप को अपने जाल में फसा लिया है |

यीशु खड़े हो गए और बड़े दुख से उनकी तरफ देखने लगे | वह एक दिव्य दृष्टी थी और आप का वचन सच्चा था जिसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता था | आपने यह निर्णय किया, “तुम में से जिसने कभी पाप नहीं किया वही सबसे पहले इस स्त्री पर पत्थर फेंके |” यीशु ने व्यवस्था का एक भी नियम नहीं तोड़ा था, बल्की आप उसे पूरा कर रहे थे | इस व्यभीचार करने वाली स्त्री को मृत्यु दण्ड देना चाहिये था और इसे यीशु ने स्वीकार किया |

अपने इस कार्य से यीशु ने धर्मी और व्यभीचार दोनों का निर्णय किया | इस तरह आपने उनको चुनौती दी कि पहला पत्थर फेंक कर वो अपने निष्पाप होने का सबूत दें | इस तरह आपने उनके चेहरे पर से धार्मिकता का मुखौटा हटा दिया | कोई भी व्यक्ती पापहीन नहीं है | हम सब निर्बल और परीक्षा में पड़े हुए और असफल हैं | परमेश्वर के पास पापी और पाखंडी धर्मी में कोई अंतर नहीं होता क्योंकी सभी सत्य मार्ग से भटक गए हैं और भ्रष्ट हो गए हैं | जिस किसी ने एक भी आज्ञा का उल्लंघन किया उसने पूरी व्यवस्था को तोड़ा और वो अनन्त नरक के योग्य है |

वृद्ध जन और शास्त्री मंदिर में अपने पापों की क्षमा के लिये जानवरों का बलीदान कर रहे थे और इस तरह अपने पापी होने को स्वीकार कर रहे थे | यीशु के वचन ने उनके अन्तकरणों को छुआ | वो यीशु नासरी को गिरिफ्तार करना चाहते थे परन्तु आप ही ने उनके भ्रष्टाचार का अनावरण किया और उनका न्याय किया | साथ ही साथ आप ने व्यवस्था का भी पालन किया | दोष लगाने वालों ने यह महसूस करते हुए कि वे परमेश्वर के बेटे के सामने खड़े हैं और आप की पवित्रता से डरते हुए अपने सर झुका लिये |

सब वृद्ध जन और उनके सहानुभूती दिखाने वाले लोग वहाँ से चले गये और वो जगह खाली हो गई | केवल यीशु अकेले पीछे रह गये थे |

'''यूहन्ना 8:9ब-11
“9ब और यीशु अकेला रह गया, और स्त्री वहीं बीच में खड़ी रह गई | 10 यीशु ने सीधे होकर उससे कहा, ‘हे नारी, वे कहाँ गए ? क्या किसी ने तुझ पर दण्ड की आज्ञा न दी ?’ 11 उसने कहा, ‘हे प्रभु, किसी ने नहीं |’ यीशु ने कहा, ‘मैं भी तुझ पर दण्ड की आज्ञा नहीं देता; जा, और फिर पाप न करना |’”

वह स्त्री वहाँ काँपते हुए खड़ी थी | यीशु ने करुणा और उदारता से उसकी तरफ देखा और पूछा, “तुम पर दोष लगाने वाले कहाँ हैं ? क्या यहाँ कोई नहीं जो तुम्हारा न्याय करता और तुम्हें दंड देता ?” उस स्त्री ने महसूस किया कि यीशु स्वंय पवित्र व्यक्ती हैं और उसे दंड नहीं देंगे | केवल आप ही एक मात्र ऐसे व्यक्ती थे जो उसे दंड देने का अधिकार रखते थे |

यीशु पापियों से प्रेम करते हैं | आप भटके हुओं को ढूंढने आए थे | आप उस पापी स्त्री को दंड ना दे सके परन्तु उसे अपना अनुग्रह प्रदान किया | क्योंकी आप ने हमारे पाप उठाये और दुनिया के लिये अपनी जान देने के लिये तैयार थे | आप ने उस स्त्री का दंड स्वंय सह लिया |

इस तरह यीशु तुम को पूरी तरह से क्षमा करते हैं क्योंकी आपने तुम्हारे लिये अपनी जान दे दी | आप के प्रेम पर विश्वास करो ताकी आप तुम्हें दंड से मुक्त कर सकें | आपकी की क्षमा करने वाली आत्मा को भी स्वीकार कर लो ताकी तुम दूसरों पर दोष ना लगाओ | कभी यह ना भूलो कि तुम भी स्वंय पापी हो और ना ही दूसरों से बेहतर हो | अगर किसी ने व्यभीचार किया है तो क्या तुम स्वंय अपवित्र नहीं हो ? अगर किसी और ने चोरी की है तो क्या तुम वफादार हो ? दोष मत लगाओ कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए | और जिस नाप से तुम नापते हो उसी नाप से तुम्हारे लिये भी नापा जायेगा | तुम क्यों अपने भाई कि आँख के तिनके को देखते हो और अपनी आँख का लट्ठा तुम्हें नहीं सूझता ?

यीशु ने उस स्त्री से कहा कि अब वो फिर से ऐसी गलती ना करे | परमेश्वर की आज्ञा शुद्ध रहने के लिये सुद्दढ़़ की गई है, उसे ढीला ना किया जाए | आप ने उस स्त्री को जो प्रेम पाने की इच्छुक थी, परमेश्वर की तरफ वापस लौट आने और पापों को स्वीकार करने के लिये प्रवृत किया | इस तरह वह मेमने के लहू से पवित्र आत्मा पा सकेगी | आप उस से ऐसी चीज चाहते थे जो उसके लिये असंभव थी | परन्तु आपने उसे वो शक्ती दी जो टूटे हुए दिल वालों के लिये उपलभ्य होती है ताकी वो पवित्रता में जिये | इस लिये यीशु तुम को आज्ञा देते हैं कि फिर कभी पाप ना करना | आप तुम्हारा पश्चताप सुनने के लिये हमेशा तैयार हैं |

प्रार्थना: ऐ प्रभु यीशु, मैं आपकी उपस्तिथि में लज्जित हूँ क्योंकी मैं उस व्यभीचारिणी से बेहतर नहीं हूँ | मुझे दूसरों को दोषी ठहराने और उन्हें क्षति पहुँचाने के लिये क्षमा कीजिये | मुझे मेरे अपराधों से पवित्र कीजिये | मुझे क्षमा करने के लिये मैं आप का धन्यवाद करता हूँ और आपकी सहनशीलता और दया के लिये आपकी प्रशंसा करता हूँ | मेरी सहायता कीजिये ताकि मैं अब और पाप ना करूँ | मेरे इस निर्णय / निश्चय को प्रबल कीजिये और मेरी अपवित्रता को दूर करके पवित्र जीवन बिताने के लिये मेरा मार्गदर्शन कीजिये |

प्रश्न:

58. व्यभीचारिणी पर दोष लगाने वाले यीशु के सामने से हट क्यों गये ?

www.Waters-of-Life.net

Page last modified on March 04, 2015, at 05:06 PM | powered by PmWiki (pmwiki-2.3.3)