Home
Links
Bible Versions
Contact
About us
Impressum
Site Map


WoL AUDIO
WoL CHILDREN


Bible Treasures
Doctrines of Bible
Key Bible Verses


Afrikaans
አማርኛ
عربي
Azərbaycanca
Bahasa Indones.
Basa Jawa
Basa Sunda
Baoulé
বাংলা
Български
Cebuano
Dagbani
Dan
Dioula
Deutsch
Ελληνικά
English
Ewe
Español
فارسی
Français
Gjuha shqipe
հայերեն
한국어
Hausa/هَوُسَا
עברית
हिन्दी
Igbo
ქართული
Kirundi
Kiswahili
Кыргызча
Lingála
മലയാളം
Mëranaw
မြန်မာဘာသာ
नेपाली
日本語
O‘zbek
Peul
Polski
Português
Русский
Srpski/Српски
Soomaaliga
தமிழ்
తెలుగు
ไทย
Tiếng Việt
Türkçe
Twi
Українська
اردو
Uyghur/ئۇيغۇرچه
Wolof
ייִדיש
Yorùbá
中文


ગુજરાતી
Latina
Magyar
Norsk

Home -- Hindi -- Romans - 027 (Man is not Justified by Circumcision)
This page in: -- Afrikaans -- Arabic -- Armenian -- Azeri -- Bengali -- Bulgarian -- Cebuano -- Chinese -- English -- French -- Georgian -- Greek -- Hausa -- Hebrew -- HINDI -- Igbo -- Indonesian -- Javanese -- Kiswahili -- Malayalam -- Polish -- Portuguese -- Russian -- Serbian -- Somali -- Spanish -- Tamil -- Telugu -- Turkish -- Urdu? -- Yiddish -- Yoruba

Previous Lesson -- Next Lesson

रोमियो – प्रभु हमारी धार्मिकता है|
पवित्र शास्त्र में लिखित रोमियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री पर आधारित पाठ्यक्रम
भाग 1: परमेश्वर की धार्मिकता सभी पापियों को दण्ड देती है और मसीह में विश्वासियों का न्याय करती है और पापों से मुक्त करती है। (रोमियों 1:18-8:39)
ब - विश्वास के द्वारा नई धार्मिकता सभी मनुष्यों के लिए खुली है (रोमियो 3:21 - 4:22)
3. विश्वास द्वारा न्यायोचित ठहराए गए, उदहारण के रूप में अब्राहम और दाऊद (रोमियो 4:1-24)

ब) मनुष्य खतना द्वारा न्यायोचित नहीं है (रोमियो 4:9-12)


रोमियो 4:9–12
9 तो यह धन्य कहना, क्या खतना वालों ही के लिए है या खतना रहितों के लिए भी? हम यह कहते हैं, कि इब्राहीम के लिए उसका विश्वास धार्मिकता गिना गया 10तो वह क्यों कर गिना गया? खतने की दशा में या बिना खतने की दशा में? खतने की दशा में नहीं परन्तु बिना खतने की दशा में| 11 और उस ने खतने का चिन्ह पाया, कि उस विश्वास की धार्मिकता पर छाप हो जाए, जो उस ने बिना खतने की दशा में रखा था: जिस से वह उन सबका पिता ठहरे, जो बिना खतने की दशा में विश्वास करतें हैं, और कि वे भी धर्मी ठहरे| 12 और उन खतना किये हुओं का पिता, जो ना केवल खतना किये हुए हैं, परन्तु हमारे पिता इब्राहीम के उस विश्वास की लीक पर भी चलतें हैं, जो उस ने बिन खतने की दशा में किया था|

पौलुस ने यहूदियों के विश्वास पर आक्रमण किया, और उनके धार्मिक सिद्धान्तों में से एक को तोड़ दिया, जो है खतना | निर्जन स्थान के लोग इस चिन्ह को पुराने समझोते के अति महान चिन्ह के रूप में मानते थे| वह जिसका खतना हो चुका था परमेश्वर के अपने लोगों में माना जाता था, और वह जिसका खतना नहीं हुआ था, ईश्वर निंदक के रूप में माना जाता था| इसीलिए यहूदी प्रत्येक नए विश्वासी को खतना करने के लिए आग्रह करते थे जैसे कि यह उसका मौलिक शुद्धि करण का एक प्रतिक है, जो कि उसको परमेश्वर के साथ समझोते में प्रवेश करनेकी योग्यता प्रदान करता था|

पौलुस ने कट्टर यहूदियों के सामने, इब्राहीम के माध्यम से यह सिद्ध किया था कि मनुष्य खतना द्वारा नहीं परन्तु केवल विश्वास द्वारा न्यायोचित ठहराया जाता है, इब्राहीम ने खतना करने से बहुत पहले, स्वयं परमेश्वर के बुलावे को सुना था और उस पर विश्वास किया था| अतः उनका विश्वास उनकी धार्मिकता का कारण और आधार था| खतना उनके लिये एक मोहर थी, और परमेश्वर की ओर वापस जाने का अधिकार नहीं था, यह खतना नहीं था जिसने उन्हें मदद की, क्यों कि वह तो पहलेसे ही, अपने विश्वास द्वारा परमेश्वर के साथ सम्झौते मे प्रवेश कर चुके थे|

पौलुस ने ये कहने की हिम्मत की थी कि इब्राहीम, खतना कराने वाले विश्वासियों के पिता बनने से पहले, उन विश्वासियों के पिता बने थे जो कि मूल रूप से अन्य जाति से थे क्यों कि वे तब ही न्यायोचित ठहराए गए जब वे खतना रहित अन्य जाती के थे| इस वाद विवाद के साथ, अन्य जाति के उपदेशकों ने सिद्ध किया था कि विश्वास करने वाले अन्य जाति के लोग परमेश्वर के अधिक निकट थे उन खतना करने वाले लोगों से, जो मसीह में विश्वास नहीं करतें हैं| परमेश्वर की महिमा निष्ठावान विश्वास और दिमाग में परिवर्तन के साथ होती है, ना कि शारीरिक चिन्ह और रीतिरिवाजों के साथ|

यहूदी क्रोध से आग बबूला हो गए जब पौलुस ने उन को यह स्पष्ट किया कि वे स्वयं को धोखा दे रहे है और उनके झूठे भरोसेको मिथ्या साबित किया| यद्यपि आप ने अंध भक्त यहूदियों को प्रमाणित किया था कि वे भी इब्राहीम को पिता के रूप में ग्रहण कर सकेंगे यदि वे अनुग्रह के सुसमाचार पर विश्वास करें| वह पथ जो परमेश्वर की ओर लेजाता है वह नातो मूल है, ना खतना है, परन्तु सूली पर चढायेगये पर विश्वास है| हमारे लिए इस का अर्थ यह होता है कि प्रत्येक बपतिस्मा लिया हुआ ईसाई उसके बपतिस्मे के कारण धार्मिक नहीं है, जबतक कि वह वास्तव में विश्वास करता है, मनुष्य परमेश्वर के सामने, चिन्हों और रीतियों के द्वारा नहीं, वरन ईमानदार विश्वास के द्वारा न्यायोचित है|

प्रार्थना: ओ पवित्र पिता, हम आप के पास आनेके योग्य नहीं है, हमारी गलतियों और भ्रष्टाचार के कारण| परन्तु आप के प्रिय पुत्र ने हमारे लिए अपना प्रेम प्रकटित किया, और क्रूस पर चढ कर हमें न्यायोचित किया और हम उनके वचन पर विश्वास करते हैं, उनके पुनर् आगमन की इच्छा करते हैं, उन के उद्धार पर स्वयं अपना निर्माण करते है, और उन के उदाहरण का अनुसरण करते हैं, क्योंकि आपने उनसबके साथ जो इस पुरे विश्व में आप से प्रेम करते हैं, हमें भी बिना किसी मूल्य के न्यायोचित ठहराया एवं अपराधों से मुक्त किया|

प्रश्न:

31. ''मनुष्य क्यों खतना द्वारा नहीं बल्कि केवल विश्वास द्वारा न्यायोचित ठहराया गया

www.Waters-of-Life.net

Page last modified on March 05, 2015, at 11:48 AM | powered by PmWiki (pmwiki-2.3.3)