Waters of LifeBiblical Studies in Multiple Languages |
|
Home Bible Treasures Afrikaans |
This page in: -- Afrikaans -- Arabic -- Armenian -- Azeri -- Bengali -- Bulgarian -- Cebuano -- Chinese -- English -- French -- Georgian -- Greek -- Hausa -- Hebrew -- HINDI -- Igbo -- Indonesian -- Javanese -- Kiswahili -- Malayalam -- Polish -- Portuguese -- Russian -- Serbian -- Somali -- Spanish -- Tamil -- Telugu -- Turkish -- Urdu? -- Yiddish -- Yoruba
Previous Lesson -- Next Lesson रोमियो – प्रभु हमारी धार्मिकता है|
पवित्र शास्त्र में लिखित रोमियों के नाम पौलुस प्रेरित की पत्री पर आधारित पाठ्यक्रम
भाग 1: परमेश्वर की धार्मिकता सभी पापियों को दण्ड देती है और मसीह में विश्वासियों का न्याय करती है और पापों से मुक्त करती है। (रोमियों 1:18-8:39)
द - परमेश्वर की शक्ति हमें अपराध कि शक्ति से छुडाती है| (रोमियो 6:1 - 8:27)
8. तीन अनुपम मातम (रोमियो 8:18-27)रोमियो 8: 18-22 पौलुस परमेश्वर में उनके विश्वास और प्रेम से संतुष्ट नहीं थे, परन्तु आप परमेश्वर में हमारी आशा की गहराईयों तक पहुँच चुके थे| क्या तुम परमेश्वर की महिमा के रहस्य प्रकटीकरण की अपेक्षा करते हो? क्या तुम्हारे जीवन का यही उद्देश्य है? तुम्हारी छोटी छोटी समस्याओं के समाधान से संतुष्ट मत रहो, क्योंकि परमेश्वर की योजना पूरे जगत को छुटकारा दिलाने की है| परमेश्वर के महानतम उपहार की अपेक्षा करो, वह है पूरी सृष्टि का पुनरुत्थान| जानवर पीड़ित हैं, और घास गुजर रही है| संताप मनुष्यों के लिए जो जानवरों के दर्द का कारण हैं| क्या तुमने इस बात पर ध्यान दिया है कि जानवरों की आँखें बन्द है और दुःख से भरी हुई हैं? यह इसलिए कि वे मरणशील है खुशियों ने उन्हें छोड़ दिया है, और अकेलापन एवँ मुसीबत दिखाई देती है| सभी जानवर परमेश्वर के पुत्रों की महिमा के प्रदर्शन की ओर देखते हैं, क्योंकि प्रभु के आगमन द्वारा उनकी संताने जो कि उनकी आत्मा से उत्पन्न हुए है, उनके शरीरों की पीडाओं से छुडाये जा चुके होंगे, और उनकी महिमा उनमे प्रकटित हुई होगी| तब सभी प्राणी सुरक्षित हैं| उस युग में कोई भी गधा गुस्से में पीटा नहीं जायेगा, और कोई मच्छर सोते हुए को नुकसान नहीं पहुचायेगा| पृथ्वी पर पूर्ण शांति का वादा परमेश्वर ने हमसे किया है जो कि मसीह के, उनके महापुरुषों एवँ परियों के साथ द्वितीय आगमन पर पूरा होगा| क्या तुम उनको बहुत चाहते हो? मनुष्य की गिरावट के समय से प्रकृति पीड़ा झेल रही है क्योंकि मनुष्य के भ्रष्टाचार द्वारा, उसके कार्यालय और प्रत्येक वस्तु जो उसके प्राधिकार के अंतर्गत आती थी भ्रष्ट थी| पौलुस सृष्टि की पीड़ा को, शिशुजन्म की अत्यधिक पीड़ा के समान व्यक्त करते हैं, जोकि परमेश्वर के पुत्र को हमारे और अधिक निकट लाती है क्योंकि वह हमारे साथ और प्रत्येक प्राणी के साथ पीड़ा झेलते हैं| वह सभी के उद्धार के लिए जितना निकट संभव है उतना निकट आना चाहते है| रोमियो 8: 23-25 इस जगत में, परमेश्वर के पुत्र, अपने अचेतन मन में परमेश्वर की शक्ति में कराहते है, विनती करते है कि उनका अंगीकरण उनमे पूरा हो| हम विश्वास द्वारा छुडाये जा चुके हैं, परन्तु हम पूरी तरह छुडाये जायेंगे| आज हम हमारी आत्मा के एक भाग में परिपूर्ण हैं परन्तु पूरी तरह आत्मा की परिपूर्णता का इंतजार है| एक निश्चित आशा और धन्यवाद पहले से ही उस आनेवाली महिमा के लिए जो हमारे आत्मिक जीवन की एक अनिवार्य अभिव्यक्ति है| हम चमकते हुए सोने या कामुकता की इच्छा नहीं रखते परन्तु हम परमेश्वर हमारे पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा को देखना चाहते है| क्या तुम्हे तुम्हारे पिता को देखने की तीव्र इच्छा है ? क्या तुम तुम्हारे उद्धारकर्ता मसीह की मित्रता की आशा रखते हो? याद रखो कि तुम्हारा नाशवान शारीर परमेश्वर की महिमा की उपस्थिति में जल जायेगा, और तुम उनकी शाश्वत रोशनी बन जाओगे| यह महापुरुषों की तीव्र लालसा है, क्योंकि परमेश्वर में छिपा उनका जीवन शीघ्र ही दिखई देगा| यह केवल आपके हृदय को ही नहीं भर देता बल्कि उनके पीड़ित, बीमार, नाशवान शरीर भी परिवर्तित एवँ महिमामयी हो जायेंगे|-हम सभी को यहाँ इस पृथ्वीरूपी कमरे में बहुत अधिक धीरज की आवश्यकता है, क्योंकि इस जगत में तकनीकी और विज्ञानं द्वारा एक अस्थायी स्वर्ग की स्थापना द्वारा हमारी आशा को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है| यद्यपि, पवित्र आत्मा आनेवाली महिमा की जमानत है| रोमियो 8: 26-27 पवित्र आत्मा स्वयं हमारे कमजोर शरीरों में दुखी है, हमारे अस्तित्व की अयोग्यता पर शोकित है, हमारी कृपण, निढाल प्रार्थनाओं के लिए पीड़ित है, हमारे अधूरे ज्ञान के लिए कराहता है हमारे कमजोर प्रेम पर उदास, और हमारी क्षीणता पर अचंभित हो जाता है| परमेश्वर की आत्मा विश्वासियों के लिए स्वयं प्रार्थना और मध्यस्थता करता है, यहाँ तक कि परमेश्वर की प्रार्थना के अनुसार जोकि पवित्र आत्मा की प्रार्थना है, कराहियत उनमे जो प्रार्थना नहीं करतें है, में उपजती है अपने आप को प्रार्थना की इस पाठशाला को समर्पित कर दो ताकि तुम तुम्हारे स्वार्थीपन से छुटकारा पा सको, और धन्यवाद के तूफान की ओर जा सको, प्रेम, बुद्धिमता पूर्वक प्रार्थना, आनंददायी और शक्तिशाली विनती के पाठ पर जा सको, क्योंकि परमेश्वर की आत्मा रात और दिन तुममे यह प्रार्थना करते है कि सारा जगत सुरक्षित हो पाये| तो जब भी तुम तुम्हारे स्वर्गीय पिता से उनकी विनती में भाग लोगे, अपने पूरे हृदय के साथ धन्यवाद और प्रार्थना करोगे? प्रार्थना: ओ पवित्र पिता, हमें क्षमा करना हमारी धीमी, स्वार्थी प्रार्थनाओं के लिए, और हमारा मार्गदर्शन करना कि हम आपके पवित्र नाम को पापों से मुक्त कर पाएं, हमारे संपूर्ण अस्तित्व के साथ मसीह के उद्धार की महिमा करने और आपकी आत्मा की शक्ति में विनम्रता पूर्वक कार्य करने के लिए| ओ प्रभु हमें आत्मा की आशा को महसूस करना सिखाइए, इस प्रकार से प्रार्थना करना सिखाइए कि वह प्रसन्न हो, और आपकी उपस्थिति एवं विशाल महिमा में आपके पुत्र के आगमन को तीव्रता से चाहना सिखाइए ताकि पूरी सृष्टि हमारे राज्य में पूरी आशा के साथ सुरक्षित हो पाये| प्रश्न: 49. वह कौन हैं जो मसीह के आगमन के लिए दर्द सहेंगे? क्यों?
|