Waters of Life

Biblical Studies in Multiple Languages

Search in "Hindi":
Home -- Hindi -- James -- 015 (Patient Waiting)
This page in: -- Arabic? -- Armenian -- English -- HINDI -- Indonesian -- Russian -- Yiddish

Previous Lesson -- Next Lesson

रोमियो - परमेश्वर के वचन को न केवल सुननेवाले, परन्तु उस अनुसार कार्य करने वाले बनो|
याकूब की पत्री का अध्ययन (डॉक्टर रिचर्ड थॉमस द्वारा)

अध्याय V

धैर्यता से प्रतीक्षा करो (याकूब 5:7-12)


याकूब 5:7-12
7 सो हे भाइयों, प्रभु के आगमन तक धीरज धरो, देखो, ग्रहस्था पृथ्वी के बहुमूल्य फल की आशा रखता हुआ प्रथम और अंतिम वर्षा होने तक धीरज धरता है |8 तुम भी धीरज धरो,और अपने हृदय को दृढ़ करो, क्योकि प्रभु का शुभागमन निकट है |9 हे भाइयों, एक दूसरे पर दोष न लगाओ ताकि तुम दोषी न ठहरो, देखो, हाकिम द्वार पर खड़ा है |10 हे भाइयों, जिन भविष्यव्द्क्ताओ ने प्रभु के नाम से बातें की, उन्हें दुख उठाने और धीरज धरने का एक आदर्श समझो |11 देखो, हम धीरज धरनेवालों को धन्य कहते हैं : तुम ने एयूब के धीरज के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु की ओर से जो उसका प्रतिफल हुआ उसे भी जान लिया है, जिस से प्रभु की अत्यंत करूणा और दया प्रगट होती है |12 पर हे मेरे भाइयों,सब से श्रेष्ठ बात यह है, कि शपथ न खाना; न स्वर्ग की न पृथ्वी की, न किसी और वस्तु की, पर तुम्हारी बातचीत हाँ की हाँ, और नहीं की नहीं हो, कि तुम दंड के योग्य न ठहरो |

यह अभिदेशन की ओरसे है, परमेश्वर का अपने अच्छे समय में वापस आना | ईसाई लोगों ने शताब्दियों तक अत्याचार पीड़ा और गलत भाषा ( गाली गलौच ) के संदर्भ में प्रतीक्षा की है | तो सहनशीलता के साथ धैर्यता भी आवश्यक है | याकूब ने खेती के साथ तुलना की है | किसी भी प्रकार की दुश्चिंता या अधैर्यता परमेश्वर के दिन को या खेती की उपज को तेजी से नहीं ला सकती है |

निरंतर परिश्रम करते रहने की आवश्यकता के बिंदु पर जोर डालने के लिए अयूब का उदहारण ले सकते हैं | अधीरता असंतोष की ओर ले जाती है ....असंतोष प्राय: अन्य व्यक्तियों का मार्गदर्शन करता है और वैमनस्य की ओर ले जाता है | अयूब के अतिरिक्त युसूफ, मूसा और यीशु धैर्यता के सदगुण से अलंकृत,एक और परमानंद सुख की सलाह देते हैं, “जो सहन करते हैं, वे आशीषित हैं |”

“शपथ न खाना “ मत्तीरचित सुसमाचार 5:33-37 में दुबारा कहा गया है और इसके अंतर्गत कोई भी किसी प्रकार की शपथ न ले | पवित्र परमेश्वर के नाम का लापरवाही से उपयोग करने पर भी जोर डाला गया है जो अरबी वार्तालाप में बहुत सामान्य बात है | यह आज्ञा यद्यपि उन शपथों पर लागू नहीं होती जो नागरिक न्यायालयों में ली जाती है | फिर भी कुछ ईसाई हैं जो ऐसी शपथ लेने को ठुकराते है |

www.Waters-of-Life.net

Page last modified on July 13, 2021, at 11:17 AM | powered by PmWiki (pmwiki-2.3.3)