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पत्रक - वितरण के लिये लघु बायबलसंबंधी सन्देश
पत्रक 06 -- परमेश्वर में सदा आनन्दित रहो! (फिलिप्पियों 4:4)जो कोई भी दूरदर्शन देखता है, देख सकता है, जवान वयस्कों को डिस्को में वहशी नाच करते हुए, खतरों के होते हुए भी पहाड़ों पर चढते हुए, विशाल फुग्गों में पूरे जगत में यात्रा करते हुए| वे अपनी आत्मा के रिक्त स्थान को गतिविधियों और व्यक्तिगत प्रयत्नों से भरने का प्रयास करते हैं| अन्य दल आराम का आनंद लेने के लिए धन बनाते है, उनकी समस्याओं को भूलकर, विलास और अपराध की एक जीवन शैली जीते है| हम पाते हैं कि अन्य शिकायत करते है कि उनके साथ अन्याय हुआ है| वे स्वयं उत्तेजित होकर उनके राज्य के उद्धारकर्ता के समान बदला लेने का प्रण करते हैं| केवल कुछ ही लोग परमेश्वर की ओर मुड जाते है उनसे पूछते हैं कि “सुरक्षित रहनें के लिए हमें क्या करना चाहिए?” “आप हमसे क्या करवाना चाहते है और हमें क्या नहीं करना चाहिए?” प्रभु की दया टूटे-हारे हृदयों को अपनी आंखे स्वर्ग की ओर उठाने को, पवित्र सृष्टिकर्ता से सच्चा सुख प्राप्त करने के लिए, उत्साहित करती है| ऐसे लोग जो उनकी निराशावादिता में डूब रहे हैं की संख्या बढ़ रही है, उनके जीवन में कोई आशा या उद्देश्य नहीं है| क्या यह त्रस्त लोग उनके दुख में आशा ढूंढ सकते है? क्या हम सभी नाभिकीय युद्ध की ओर दौड़ रहे, जो दुनिया की जनसंख्या के एक तिहाई हिस्से का विनाश कर चुका होग|
सुख देने वाला रहस्य प्रकटीकरणसिपाहियों और युद्धों के बीच उपदेशक नहेम्याह को जैसे अपनी प्रार्थनाओं के उत्तर के समान दैवीय रहस्य प्रकटीकरण सुनाई दिया था, “दुखी मत हो, क्योंकि परमेश्वर का आनंद तुम्हारी शक्ति है” (नहेम्याह 8:10)| हम अपने हृदयों को जीवित परमेश्वर की ओर लगाये, क्योंकि वह अकेले हमें विश्राम, आशा और शांति प्रदान कर सकते हैं| वह क्या विशेष सुख था जिसे उपदेशक ने इस रहस्य प्रकटीकरण में प्राप्त किया था| परमेश्वर ने उनसे कहा कि वह, स्वयं आनंद और खुशियों से भर गये है| वह, बुद्ध के समान लोगों के दुखों की चिंता किये बिना उनसे परे मुस्कुराते हुए नहीं बैठे हैं| हमारे परमेश्वर एक गतिशील हर्ष उल्लास एवं बचाने वाले आनंद से भरे हैं| वे सभी मनुष्यों के उद्धार की योजना पहले ही लेकर आये है, यहाँ सभी भ्रष्ट बन चुके है, कि कोई भी स्वयं अपने आपको सुधार या अपने हृदय की रिक्तता को शांति और आनंद से भर नहीं सकता| परमेश्वर अपराधियों का नवीकरण करना चाहते है और अस्तित्व को अर्थ और आशा देना चाहते हैं| मत भूलो कि परमेश्वर का पवित्र आनंद तुम्हारी शक्ति है! वह जो उन के सामने अपने अपराधों का प्रायश्चित करता है उनसे शक्ति, सुख और साहस प्राप्त करता है| केवल परमेश्वर ही राहत और उनका आध्यात्मिक राज्य उनके हाथ लाते है|
उद्धारकर्ता का जन्म हुआ हैबैत्लेहम के पहाडो पर अचानक रात जगमगा उठी थी, जब परमेश्वर का देवदूत अपनी चमचमाती महिमा में उन गड़रियों के सामने उतर आये थे, जो अपनी भेड़ों की रखवाली कर रहे थे| वे भयभीत होकर मैदान पर गिर गये थे जब स्वर्ग की रोशनी उनके आस पास चमकी थी| उन्होंने सोचा न्याय का दिन बिना किसी सूचना के आ गया है| वे न्याय से बचना चाहते थे, परन्तु वे बच नही पाये क्योंकि परमेश्वर की महिमा ने उन्हें भीतर तक भेद दिया था| वह देवदूत जो उनके सामने आया था ने ना तों उन्हें डाँटा ना ही उन्हें डराया, परंतु उन्हें उत्साहित किया था, “डरो मत, मैं तुम्हारे लिये अच्छा समाचार लाया हूँ, जिससे सभी लोगों को महान आनंद होगा| क्योंकि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे उद्धारकर्ता प्रभु मसीह का जन्म हुआ है|” (लुका 2:8-11) इस महान प्रकटीकरण के साथ, परमेश्वर के देवदूत ने एक नये युग, एक आनंद और अनुग्रह के युग पर से परदा हटाया था| परमेश्वर के उद्धार की योजना का सच्चाई में परिवर्तन हो रहा था| परमेश्वर के देवदूत ने सभी लोगों को आमंत्रित किया था कि आनंद और शांति की यह नदी जो परमेश्वर में से बाहर को बहती है, में से निकालो और प्राप्त करो| परमेश्वर ने अपने अनुग्रह का द्वार केवल प्रभुमय लोगों के लिए ही नहीं बल्कि जो बुरे और भ्रष्ट है, के लिए भी खोला है| देवदूत ने निमंत्रण पहले विद्वानों और बुद्धिमानों को नहीं, परंतु अशिक्षित और अनाडी लोगों को भेजा ताकि परमेश्वर के ज्ञान से उनको जानकारी मिल पाये| यह अनुपम विशेषाधिकार केवल पुरुषों के लिए ही नहीं, परन्तु महिलाओं और बच्चों को, वैसे ही थके हुए एवं बीमार लोगों को भी प्रदान किया गया था| परमेश्वर का आनंद सभी के लिए लाया गया था| क्यों परमेश्वर के देवदूत ने सभी को आनंद मनाने का आदेश दिया था? क्योंकि उद्धारकर्ता का जन्म हो चुका था और उनके दयावान कार्य का आरंभ हो गया था| अत्यधिक खेदजनक बात है कि उनके अधिकांश लोगों ने शांति के राजकुमार को ठुकरा दिया था वे अपने इरादों में परिवर्तन करना नहीं चाहते थे| शक्ति, धन और उच्च स्तरीय जीवन शैली उनका उद्देश्य था| वे उनके घातक हथियारों का उपयोंग करके उनके शत्रुओं पर विजय और उनकी विजयी सरकार को सुरक्षित रखना चाहते थे|
यीशु का महान अनुदान
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