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Previous Lesson -- Next Lesson रोमियो - परमेश्वर के वचन को न केवल सुननेवाले, परन्तु उस अनुसार कार्य करने वाले बनो| अध्याय I गरीबी और अमीर (याकूब1:9-11)याकूब 1:9-11 रोमियों 12:16 में पौलुस हमें ऊंची वस्तुओं पर मन लगाने के लिए नहीं परन्तु नम्र लोगों के साथ मिल जाने की शिक्षा देते हैं| यह बहुमुल्य है जो हमारे प्रभु ने हमारे लिए किया, उन्होंने साधारण लोगों,घृणित और अन्य जाति वालों के साथ अपना समय व्यतीत किया| इससे सम्बन्धित याकूब की पुस्तक में कुछ लेखान्शो से एक उचित अनुमान लगाया गया कि वह भी गरीबों से प्रेम करते थे और उनका ध्यान रखते थे| वह निम्न स्तर के लोगों को ‘भाई’ कहकर बुलाते हैं| याकूब के अनुसार सांसारिक स्तर बहुत छोटा सा मापदंड है, आध्यात्मिक उत्थान प्राय: दीनता के साथ होता है | गरीबी अपने आप ही आध्यात्मिक लाभों के प्रमाण को लाती है, जैसा उपदेशकों और सेवा भावना से कार्य करनेवालों के काम काज से सिद्ध होता है| हालाँकि यह कर पाना कठिन है, यदि एक अमीर आदमी अप्रत्याशित रूप से अपनी धन सम्पति गँवा देता है तब क्या आध्यात्मिक उन्नति के इस सुअवसर पर आनंदित होना चाहिए जोकि नुकसान में उपलब्ध कराया है| वचन 11 में हमारे पास एक विस्तृत विभिन्नता है जो कि मध्यपूर्वीय मौसम के लिए अत्यधिक परिचित है| फिलिस्तानी सूर्य की चुभनेवाली गर्मी धरती को कुछ हरे रंग से भूरा कर देती हैं| परिस्थितियां ठीक इसी प्रकार से अमीरों के साथ युक्तियाँ करती हैं, एक दिन उनके पास प्रचुर मात्रा में धन होता है, दूसरे दिन वे निर्धन हो जाते हैं| सूरज यीशु मसीह का प्रतीक है, धर्मपरायणता का सूरज जो अपनी किरणों में चंगाई लिए उगता है| यहाँ सूरज की किरणों में जीवन, गर्माहट और चंगाई है; परन्तु कर्क रेखा के आस पास, राज्य के दक्षिण में भूमध्यसागरीय मौसम के साथ सूरज की गर्मी में परिवर्तन आ जाता है| गडरिया सूरज की जलती हुई गर्मी से, इसकी आग की भट्टी के समान तापमान को श्राप देते हुए ढाल से अपने चेहरे को छिपा लेते हैं जबकि उद्गम स्थल और टस्कनी को सूर्य की किरणें, एक खुशनुमा गर्माहट देती हैं जिसका मूल्य पर्यटकों को है जिन्हें यह राहत पहुंचाती है तथा कलाकारी आत्मा को एक उच्च प्रकार की रौशनी रोमांचित करती है| यीशु हमारे मित्र वही हैं जैसे मसीह उन लोगों के न्यायाधीश हैं जिन्होंने उजाड़ स्थान पर, आतंक व थकावट के निरर्थक मार्ग पर भटकना चुना था| |