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Previous Lesson -- Next Lesson यूहन्ना रचित सुसमाचार – ज्योती अंध्कार में चमकती है।
पवित्र शास्त्र में लिखे हुए यूहन्ना के सुसमाचार पर आधारित पाठ्यक्रम
पहला भाग – दिव्य ज्योति चमकती है (यूहन्ना 1:1 - 4:54)
क - मसीह का पहली बार यरूशलेम को चले आना (यूहन्ना 2:13 – 4:54 ) - सही उपासना क्या है?
4. यीशु सामरिया में (यूहन्ना 4: 1-42)
ब) यीशु अपने चेलों को पकी हुई फसल दिखाते हैं (यूहन्ना 4:27-38)यूहन्ना 4:27–30 जब यह बातचीत चल रही थी तब चेले ख़रीदा हुआ भोजन ले कर गांव से वापस आ गए | वे यीशु को पापी स्त्री के साथ अकेला देख कर चकित हो गए क्योंकि वो स्त्री सामरी थी और समाज से निकाली भी गई थी | परन्तु किसी ने कुछ कहने का साहस नहीं किया क्योंकी उन्हों ने वहां पवित्र आत्मा की उपस्तिथी का अनुभव किया | उन्होंने देखा कि मसीह ने आश्चर्यजनक दिव्य कार्य किया है क्योंकी मसीह को देख कर और आप का वचन सुन कर उस स्त्री के चेहरे पर परिवर्तन आ चुका था | उद्धारकर्ता को जानने की खुशी उस पर छा चुकी थी | तब उस स्त्री ने पानी का खाली घड़ा वहीँ छोड़ दिया | उस ने यीशु को पानी का प्याला भी नहीं दिया जिसकी आप ने मांग की थी जब की आप ने उसे क्षमा कर के उसकी प्यास बुझा दी थी | वो बहुतों के लिए जीवन के पानी का झरना बन गई | वो दौड़ते हुए अपने गांव को चली गई और लोगों को मसीह के बारे में बताने लगी | उसका मुंह जो पहले अशलील बातों का स्त्रोत था, अब शुद्ध पानी का स्त्रोत बन गया था जो मसीह की गवाही दे रहा था | उसने गवाही देकर, कि किस तरह उद्धारकर्ता नें उसके पापों को प्रगट कर दिया, लोगों का ध्यान आप कि तरफ आकर्षित किया | उसकी गवाही सुन कर देहातियों ने अनुमान लगाया कि अवश्य कोई असाधारण घटना हुई है और परमेश्वर ने इस स्त्री में कोई आश्चर्यकर्म किया है | वो इस स्त्री का भेद जानना चाहते थे | वे दौड़ते हुए कुंए के पास चले गए जहां यीशु और उनके चेले विश्राम कर रहे थे | जब मसीह अपने अनुयायियों में काम करते हैं तब क्या होता है उसका यह नमूना है | हम भी अपने मित्रों और पड़ोसियों को बतायेंगे कि मसीह हमारा उद्धार करने आये हैं | तब उन में जीवन के पानी की प्यास कि इच्छा जाग उठेगी जिसे पवित्र आत्मा प्रदान करता है | क्या तुम लोगों के लिये जीवन का झरना बन चुके हो? अगर नहीं तो यीशु के सामने अपने पापों को स्वीकार करो और अपना जीवन मसीह के लिये अर्पण कर दो ताकी वो तुम को पवित्र और शुद्ध करें और इस तरह तुम बहुतों के लिये आशीष का कारण बन सको, जैसा की इस कुल्टा के साथ हुआ जो उसके बाद अपने पड़ोस में उपदेश देती रही | प्रार्थना: प्रभु यीशु, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ कि आप ने मुझे खोज निकाला और जाना |मैं इस पापी सामरी स्त्री से बहतर नहीं हूँ | मेरे पापों को क्षमा कीजिये | मुझे परमेश्वर का वह उपहार दीजिये जो मेरी सच्चाई जानने की प्यास को बुझाये और मेरे जीवन को पवित्र कर सके | मेरी आँखें खोल दीजिये ताकी मैं आस्मानी पिता को देख सकूं | मेरे दिल को पवित्र आत्मा से परिपूर्ण कर दीजिये ताकी मैं उपयोगी बन सकूं और मेरा जीवन आपके अनुग्रह से आराधना का नमूना बन जाये | लोगों का उद्धार कीजिये और उन्हें अपनी तरफ आकर्षित कीजिये | जो लोग आपके पास आते हैं उन्हें ना ठुकरायिये | प्रश्न: 34. हम जीवन के पानी से कैसे सिंचित हो सकते हैं?
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