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Previous Lesson -- Next Lesson यूहन्ना रचित सुसमाचार – ज्योती अंध्कार में चमकती है।
पवित्र शास्त्र में लिखे हुए यूहन्ना के सुसमाचार पर आधारित पाठ्यक्रम
पहला भाग – दिव्य ज्योति चमकती है (यूहन्ना 1:1 - 4:54)
ब - मसीह अपने चेलों को पश्चताप के घेरे से निकाल कर शादी की खुशी में ले जाते हैं (यूहन्ना 1:19 - 2:12)
2. बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना की मसीह के बारे में दिल हिलाने वाली गवाही (यूहन्ना 1:29-34)यूहन्ना 1:31-34 परमेश्वर ने तीस साल की उमर में बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना को बुलाया ताकी वो मसीह का रास्ता तैयार करें और लोगों को आपकी जानकारी दें | यह उनके बपतिस्मा देते समय हुआ जिसके कारण सारे पश्चताप करने वाले मसीह के स्वागत की आशा रखने लगे | परमेश्वर ने यूहन्ना से बात की और वायदा किया की वो ऐसी चीज़ देखेंगे जिसे पहले किसी व्यक्ती ने नहीं देखा | यानी मसीह के ऊपर पवित्र आत्मा को उतरते हुए देखना | दर असल आत्मा खास तौर से यीशु पर आकर ठहर गया | पुराने नियम के भविष्यवक्ता थोड़ी देर के लिये प्रेरणा पाते थे परन्तु मसीह हमेशा के लिये आत्मा से परिपूर्ण होंगे | एक अमर सोते की तरह आत्मा विश्वासियों को दिव्य शक्ती से परिपूर्ण करेगा | दो नवजवान पास पास यर्दन नदी के किनारे खड़े हुए | अचानक बगैर किसी शोर गुल के आस्मान खुल गया और यूहन्ना ने पवित्र आत्मा को कबूतर की नाई आस्मान से उतरते देखा जो नीले आस्मान पर सफ़ेद नज़र आया | यह आत्मा यूहन्ना या पश्चताप करने वालों पर ना उतरा परन्तु सीधा यीशु पर आकर ठहरा जिस से यूहन्ना को निश्चिन प्रमाण मिल गया की नासरत नगर के यह जवान व्यक्ती सारे भविष्यवक्ताओं और प्राणियों से महान हैं | यूहन्ना जान गए की परमेश्वर उनके सामने खड़ा है जो वही अनंत व्यक्ती हैं जिनके आने की आशा थी | निसंदेह यूहन्ना प्रशंसा और खुशी से भर गये ठीक उसी तरह जैसे जब मसीह की मां अपनी बहन इलीशिबा से मिलने गई थीं तब वो अपनी मां के गर्भ में उछल पड़े थे और इलीशिबा भी खुशी से फूली ना समाई और परमेश्वर की प्रशंसा करने लगी थी (लूका 1:36-45)| बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना ने मसीह को आत्मा देने वाले के तौर पर पहचान तो लिया परन्तु उन्होंने इस को छिपाया नहीं बल्की ऊँची आवाज़ में घोषित किया की “प्रभु आ चुके हैं |”आप उपस्थित हैं | आप इसलिये नहीं आये की किसी को दोषी ठहरायें बल्की इसलिये की प्रेम और सदभावना दिखायें | आप कोई साधारण व्यक्ती नहीं हैं बल्की पवित्र आत्मा से परिपूर्ण, परमेश्वर के पुत्र हैं | जो कोई यह स्वीकार करता है की यीशु परमेश्वर की तरफसे भेजी हुई आत्मा हैं वह साथ ही साथ इस बात को भी स्वीकार करता है की आप परमेश्वर के पुत्र हैं | इस तरह यूहन्ना ने मसीह के आने का उद्देश स्पष्ट किया की आप पश्चाताप करने वालों को पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देने आये हैं | परमेश्वर आत्मा है | उसका बेटा उसकी आत्मा है जो मनुष्य बना | यूहन्ना के लिये यह बड़ी खुशी की बात थी की वो उनके अनुयाइयों को इस दिव्य तथ्य से परिचित करते की परमेश्वर प्रेम है | प्यारे भाई, क्या तुम पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो चुके हो? क्या तुम ने मसीह की शक्ती को अपने जीवन में महसूस किया है ? यह दिव्य गुण केवल मसीह के बलिदान पर विशवास करने के कारण, अपने पापों की क्षमा पाने के बाद तुम को प्राप्त होता है | जो व्यक्ती यह स्वीकार करता है की परमेश्वर के मेम्ने के द्वारा पापों की क्षमा प्राप्त होती है, वह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाता है | परमेश्वर का पुत्र प्रत्येक विश्वासी को अपने आत्मिक उपहार प्रदान करने के लिये तैयार है | प्रार्थना: हे परमेश्वर के पवित्र पुत्र, हम आपकी अराधना और प्रशंसा करते हैं | आप स्वंय हमारे लिये नम्र बने, और हमारे पाप अपने ऊपर उठा लिये | आपने क्रूस पर हमारे पापों की क्षमा के लिये, बहाए हुए खून के कारण हम आप का आभार मानते हैं | हम आपके इसलिये भी आभारी हैं की आप ने हम पर और आपसे प्रेम रखने वालों पर आपके पवित्र आत्मा की शक्ती न्योछावर कर दी | आप अनेक लोगों को जगाइये जो अपने अपराधों और पापों में सो रहे हैं | उनका नवीकरण करके उन्हें अपने सौम्य सत्य से परिपूर्ण कीजिए | प्रश्न: 19. यीशु पवित्र आत्मा प्रदान करने वाले क्यों बने ?
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