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Previous Lesson -- Next Lesson रोमियो - परमेश्वर के वचन को न केवल सुननेवाले, परन्तु उस अनुसार कार्य करने वाले बनो| अध्याय V धैर्यता से प्रतीक्षा करो (याकूब 5:7-12)याकूब 5:7-12 यह अभिदेशन की ओरसे है, परमेश्वर का अपने अच्छे समय में वापस आना | ईसाई लोगों ने शताब्दियों तक अत्याचार पीड़ा और गलत भाषा ( गाली गलौच ) के संदर्भ में प्रतीक्षा की है | तो सहनशीलता के साथ धैर्यता भी आवश्यक है | याकूब ने खेती के साथ तुलना की है | किसी भी प्रकार की दुश्चिंता या अधैर्यता परमेश्वर के दिन को या खेती की उपज को तेजी से नहीं ला सकती है | निरंतर परिश्रम करते रहने की आवश्यकता के बिंदु पर जोर डालने के लिए अयूब का उदहारण ले सकते हैं | अधीरता असंतोष की ओर ले जाती है ....असंतोष प्राय: अन्य व्यक्तियों का मार्गदर्शन करता है और वैमनस्य की ओर ले जाता है | अयूब के अतिरिक्त युसूफ, मूसा और यीशु धैर्यता के सदगुण से अलंकृत,एक और परमानंद सुख की सलाह देते हैं, “जो सहन करते हैं, वे आशीषित हैं |” “शपथ न खाना “ मत्तीरचित सुसमाचार 5:33-37 में दुबारा कहा गया है और इसके अंतर्गत कोई भी किसी प्रकार की शपथ न ले | पवित्र परमेश्वर के नाम का लापरवाही से उपयोग करने पर भी जोर डाला गया है जो अरबी वार्तालाप में बहुत सामान्य बात है | यह आज्ञा यद्यपि उन शपथों पर लागू नहीं होती जो नागरिक न्यायालयों में ली जाती है | फिर भी कुछ ईसाई हैं जो ऐसी शपथ लेने को ठुकराते है | |